महाराष्ट्र के रत्नागिरी में एक पत्रकार की मौत के मामले में पत्रकारों ने मुंबई में शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने मांग की कि इस मामले में SIT की जांच हो ताकि इसके पीछे की बड़ी साजिश सामने आ सके.
प्रदर्शनकारी पत्रकारों की ये मांग भी थी कि इस मामले में अभियुक्त डीलर पंढरीनाथ अंबेरकर पर मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) लगाया जाए.
पत्रकार शशिकांत वार्शी को सोमवार को एक एसवीयू से टक्कर मार दी गई थी. ये घटना मुंबई से 440 किमी. दूर राजपुर में पेट्रोल पंप के पास हुई थी. आरोप है कि एसयूवी में डीलर पंढरीनाथ अंबेरकर बैठे थे. वार्शी की अगले दिन अस्पताल में मौत हो गई थी. अंबेरकर को फिलहाल हत्या के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया गया है.
उन पर आरोप है कि वो इलाक़े में रिफ़ाइनरी के लिए ज़मीन अधिग्रहण का विरोध करने वाले हर व्यक्ति को धमकी देते हैं. वार्शी ने एक स्थानीय मराठी अख़बार में अंबेरकर के ख़िलाफ़ ख़बर लिखी थी. ये ख़बर दुर्घटना वाले दिन ही प्रकाशित हुई थी.
विरोध कर रहे पत्रकारों की मांग है कि इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए और अभियुक्त को ऐसी सज़ा मिले जो उदाहरण बने.
प्रेस कल्ब ऑफ़ इंडिया, प्रेस एसोसिएशन और डीयूजे ने इस घटना को क्रूर हत्या बताते हुए इसकी निंदा की है.
पत्रकारों का प्रतिनिधित्व करने वाले इन संगठनों ने उच्च-स्तरीय न्यायिक जांच कराने और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है.
Compiled: up18 News