प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लड़ाकू विमान तेजस में भरी उड़ान, सोशल मीडिया पर किया अनुभव साझा

National

उन्होंने लिखा, ”मैं आज तेजस में उड़ान भरते हुए अत्यंत गर्व के साथ कह सकता हूं कि हमारी मेहनत और लगन के कारण हम आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में विश्व में किसी से कम नहीं हैं. भारतीय वायुसेना, डीआरडीओ और एचएएल के साथ ही समस्त भारतवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं.”

तेजस की ख़ासियत क्या है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तेजस लड़ाकू विमान में उड़ान भरी उसका निर्माण भारत में ही किया गया है. तेजस का निर्माण भारत के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित उपक्रम हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने किया है.

तेजस फ़ाइटर प्लेन लंबी दूरी की मार करने वाली मिसाइलों से लैस हैं.

तेजस अपने लक्ष्य को लॉक कर उस पर निशाना दागने की क्षमता रखता है.

तेजस को बहुत सारी नई तकनीक के उपकरणों से लैस किया गया है.

इसमें इसराइल में विकसित रडार के साथ ही स्वदेश में विकसित किया हुआ रडार भी है.

तेजस लड़ाकू विमान ध्वनि की गति (साउंड की स्पीड) यानी मैक 1.6 से लेकर मेक 1.8 तक की तेज़ी से उड़ सकते हैं वो भी 52 हज़ार फ़ीट तक की ऊंचाई पर.

तेजस लड़ाकू विमान आठ से नौ टन तक बोझ उठा सकते हैं.

तेजस में इलेक्‍ट्रानिक वारफ़ेयर सुइट और एयर टू एयर रिफ़्यूलिंग की व्यवस्था भी की गई है.

भारतीय वायु सेना के पूर्व प्रमुख एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया ने बताया था कि स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस आतंकी ठिकानों पर बालाकोट जैसी सर्जिकल स्ट्राइक को बारीकी से अंज़ाम देने में मददगार होगा.

उनका ये भी कहना था कि पाकिस्तान में चीनी तकनीक की मदद से वहीं पर बनाए गए जेएफ़-17 लड़ाकू विमान, गुणवत्ता, क्षमता और सूक्ष्मता में तेजस के सामने कहीं नहीं टिक सकते हैं.

भदौरिया ने बताया कि ‘फ़ोर एंड हाफ़ जेनरेशन’ के हल्के तेजस लड़ाकू विमान यानी ‘लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ़्ट’ बहुत ही आधुनिक तकनीक से बने हुए हैं और इस विमान में तैनात हथियार भी स्वदेशी रूप से विकसित किए गए हैं.

Compiled: up18 News