राष्ट्रपति ने कहा, गणेश उत्सव ने राष्ट्रीय राजनीति में अनमोल योगदान दिया है

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को कहा कि गणेश उत्सव ने राष्ट्रीय राजनीति में अनमोल योगदान दिया है और यह ब्रिटिश शासन के दौरान राष्ट्रवाद और सामाजिक सद्भाव का स्रोत बन कर उभरा था। राष्ट्रपति महाराष्ट्र के पुणे में श्रीमती लक्ष्मीबाई दगड़ूसेठ हलवाई दत्ता मंदिर ट्रस्ट के 125वें समारोह को संबोधित कर रहे थे।

कोविंद ने कहा कि गणपति और दत्ता मंदिर के संस्थापक दगड़ूसेठ गणपति उत्सव मनाने में महान स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य तिलक के साथ करीबी से जुड़े हुए थे। इन मंदिरों ने शहर को नई ऊर्जा दी है। राष्ट्रपति ने कहा कि यह त्योहार ब्रिटिश शासन के खिलाफ राष्ट्रवाद और सामाजिक सद्भाव का स्रोत बन कर उभरा था।

देश के पहले नागरिक ने अपने संबोधन में कहा कि पुणे कई प्रख्यात शख्सियतों का घर रहा है, जिन्होंने देश के विकास में योगदान दिया है। पुणे पहला स्थान था जहां लड़कियों के लिए स्कूल खुले थे। देश की पहली महिला डॉक्टर आनंदीबाई जोशी इसी शहर की थीं और पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल भी इसी इलाके से थीं।

राष्ट्रपति ने कहा कि मैं श्रीमती लक्ष्मीबाई दगडूसेठ हलवाई दत्त मंदिर ट्रस्ट के 125 वर्ष पूर्ण होने पर हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ। इस मंदिर, परिवार और ट्रस्ट ने महाराष्ट्र को जन आंदोलन की भूमि बनाने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आशा करता हूं कि पुणे और महाराष्ट्र ऐसे ही अपनी गौरवमयी यात्रा पर अग्रसर रहेंगे।

जमैका में भारतीय मूल्यों के सम्मान के बारे में बताया

अपनी हालिया जमैका यात्रा के बारे में बात करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारतीय मूल्यों के सम्मान में जमैका की राजधानी किंग्स्टन में एक सड़क का नामकरण डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर के नाम पर किया गया है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के दौरान मैंने वहां पर आंबेडकर एवेन्यू का उद्घाटन भी किया था।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लिए यह परम सौभाग्य की बात है कि बाबासाहेब की जन्मभूमि और दीक्षास्थल इसी प्रदेश में स्थित है। यहां संत तुकाराम, ज्ञानेश्वर, नामदेव और स्वामी समर्थ जैसी विभूतियों ने सामाजिक और धार्मिक विचारधाराओं को नई दिशा दी। इन विचारों से न केवल महाराष्ट्र में, अपितु पूरे देश में नई चेतना जन्मी।

-एजेंसियां