कर्नाटक: बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा रिश्वत मामले में गिरफ्तार, हाईकोर्ट ने खारिज की थी अग्रिम जमानत याचिका

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कर्नाटक में चन्नागिरी के भाजपा विधायक के मदल विरुपक्षप्पा को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले कर्नाटक उच्च न्यायालय ने भाजपा विधायक की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद से ही उनकी गिरफ्तारी लगभग तय मानी जा रही थी। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान लोकायुक्त के वकील ने जमानत अर्जी पर कड़ी आपत्ति जताई थी। इसके बाद एकल न्यायाधीश की खंडपीठ ने जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।

लोकायुक्त की भ्रष्टाचार रोधी शाखा ने कुछ दिन पहले ही विधायक मदल विरुपक्षप्पा के बेटे प्रशांत कुमार को 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। प्रशांत कुमार मदल को लोकायुक्त अधिकारियों ने उसके कार्यालय से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। करप्शन विंग को भाजपा विधायक के कार्यालय से 1.7 और घर से करीब छह करोड़ रुपये बरामद हुए थे। लोकायुक्त को रिश्वत मांगने की शिकायत मिली थी। लोकायुक्त की इस कार्रवाई के बाद मदल विरुपक्षप्पा ने कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड (केएसडीएल) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।

प्रशांत के पास से कैश के तीन बैग बरामद किए गए हैं।कर्नाटक प्रशासनिक सेवा के 2008 बैच के अधिकारी प्रशांत को साबुन और अन्य डिटर्जेंट बनाने के लिए आवश्यक कच्चे माल को खरीदने की डील के लिए एक ठेकेदार से घूस लेते हुए पकड़ा गया था।

बताया जाता है कि कथित तौर पर उन्‍होंने 80 लाख रुपये की डिमांड की थी। जिसकी शिकायत एक हफ्ते पहले इस ठेकेदार ने लोकायुक्‍त से की थी, जिसके बाद प्रशांत को रंगे हाथ पकड़ने के लिए योजना बनाई गई। लोकायुक्त के एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने कहा, “कच्चे माल की खरीद के लिए केएसडीएल के अध्यक्ष वीरुपक्षप्‍पा की ओर से रकम प्राप्‍त की गई। केएसडीएल के अध्यक्ष और पैसे प्राप्त करने वाले आरोपी पिता और पुत्र हैं।

भाजपा विधायक मदल विरुपक्षप्पा लगातार दो बार दावणगेरे जिले के चन्नागिरी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं। उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव में अपने हलफनामे में 5.73 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा किया था। 2013 के चुनावों में, उन्होंने 1.79 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी।

कर्नाटक में इसी साल विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में लोकायुक्त की कार्रवाई चर्चा विषय बना हुई है। भाजपा विधायक के बेटे के खिलाफ हुई ये कार्रवाई चुनावी मुद्दा भी बनी हुई है। इसे लेकर कांग्रेस और आप दोनों ही पार्टियां भाजपा पर हमलावर हैं।