लखनऊ: FCI अफसर की पत्नी हत्याकांड का पुलिस ने 24 घंटे के भीतर किया खुलासा, नौकर ने रची थी साजिश, गिरफ्तार

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एफसीआई (FCI) अफसर की पत्नी अनामिका सिंह (35) हत्याकांड का पुलिस ने 24 घंटे के भीतर खुलासा कर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। साजिश के तहत अफसर के नौकर अर्जुन सोनी का साथी इटौंजा निवासी वीरेंद्र कुमार यादव लूट करने पहुंचा था। इस दौरान अनामिका ने मोर्चा ले लिया था। तब उसने चाकू से गोदकर मार दिया और फरार हो गया। पुलिस ने शनिवार को आरोपी नौकर को गिरफ्तार कर लिया है। दूसरे आरोपी की तलाश जारी है। गिरफ्तार आरोपी ने पूरी वारदात कुबूली है।

मूलरूप से बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी आदर्श कुमार एफसीआई (FCI) मुख्यालय में एजी- ।। (टेक) के पद पर कार्यरत हैं। वह छोटा भरवारा में पत्नी अनामिका (मूलरूप से बलिया निवासी) व डेढ़ साल की बेटी के साथ रहते थे।

हत्या के आरोपी वीरेंद्र यादव ने नृशंसता की सारी हदें पार कर दीं। अनामिका पर चाकू से 33 बार वार किए। शरीर का कोई ऐसा हिस्सा नहीं था जहां पर जख्म न हो। पूरा शरीर ही छलनी कर दिया। आखिरी सांस तक चाकू से गोदता रहा। सिर पर भी भारी चीज से एक बार वार किया। ये खुलासा अनामिका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुआ है। गर्दन, चेहरे व सिर पर ही 15 वार हैं, शरीर के बाकी हिस्सों पर जख्म के 18 निशान हैं। शनिवार को जब अनामिका के पिता दुबई से लखनऊ पहुंचे तब पोस्टमार्टम कराया।

जो नौकर अर्जुन सोनी ढाई साल से आदर्श के घर पर रह रहा था उसका पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराया गया। इसमें भी लापरवाही बरती। एडीसीपी पूर्वी सैयद अली अब्बास ने बताया कि बृहस्पतिवार को वीरेंद्र, अर्जुन साहू से मिलने पहुंचा था। तब उसका मकसद था रेकी करना। रेकी करने के दूसरे ही दिन वारदात को अंजाम दिया। वहीं जब वारदात को अंजाम देकर वीरेंद्र भाग गया था तब अर्जुन ने आदर्श को फोन कर बताया था कि अनामिका का कोई कत्ल करके चला गया है।

फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) अफसर आदर्श कुमार की पत्नी अनामिका की हत्या करने के लिए आरोपियों ने नायाब तरीका अपनाया। एक दिन पहले एक फर्जी मैसेज अनामिका को भेजा। इसे टेलीकॉम कंपनी का दर्शाया। उसमें अपना नंबर भी लिखा। अनामिका ने मैसेज आदर्श को फॉरवर्ड कर दिया। तब आदर्श ने उस नंबर पर संपर्क किया।
वीरेंद्र ने कॉल रिसीव कर खुद को कंपनी का कर्मचारी बता इंटरनेट प्लान अपग्रेड करनी की बात कही। इसके बाद दूसरे दिन यानी शुक्रवार को उसका उनके घर पर आना तय हुआ। ये पूरा खेल वीरेंद्र ने इसलिए किया जिससे वह अनामिका के घर के भीतर दाखिल हो सके।

अर्जुन से जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो उसने पूरी वारदात कुबूली। उसने बताया कि वह वीरेंद्र के साथ पहले दूध बेचने का काम करता था। उसको आशंका थी कि अनामिका के घर में रकम व जेवरात मिल जाएंगे। इसलिए उसने वीरेंद्र के साथ मिलकर साजिश रची। चूंकि अर्जुन को सब जानते थे इसलिए वह पर्दे के पीछे रहा।