जयंती पर PM मोदी पहुंचे बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू, आदिवासी समूहों को दी 24 हजार करोड़ के PVTG मिशन की सौगात

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झारखंड, बिहार और ओडिशा के एक बड़े हिस्से में इन्हें भगवान बिरसा कहा जाता है। ये अकेले आदिवासी नेता हैं जिनका चित्र भारतीय संसद में प्रदर्शित है। ये मुंडा जाति ही नहीं, आदिवासी या अनुसूचित जनजातीय गौरव के सबसे बड़े प्रतीक हैं। इनका जन्म झारखंड राज्य के खूंटी जिले के उलिहातू में हुआ था। 15 नवंबर 1875 को बिरसा मुंडा का जन्म हुआ। 9 जून 1900 में रांची के कारागार में मृत्यु हुई। करीब 19वर्ष की आयु में उन्होंने बिरसा सेना का गठन किया। 600 से ज्यादा पारंपरिक लड़ाके उनके साथ थे। बिरसा मुंडा आदिवासी चिंतन-संस्कृति के साथ हिन्दू धर्म के ज्ञान और ईसाई धर्म के संगठन व्यवहार से प्रभावित थे। बिरसा मुंडा ने पारंपरिक सेना बनाकर अंग्रेजों और बाहरी लोगों से सीधे लड़ाई में उतरकर आदिवासियों का नेतृत्व किया।

विकास भारत संकल्प यात्रा’ का शुभारंभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खूंटी में आयोजित कार्यक्रम में ‘विकास भारत संकल्प यात्रा’ का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने पीवीटीजी मिशन की शॉर्ट फिल्म और पोर्टल की लॉन्चिंग भी की।

पीएम किसान की 15वीं किस्त जारी की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिरसा मुंडा की जयंती पर देश के आठ करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 15वीं किस्त की राशि डीबीटी के माध्यम से जारी कर दी है। 18 हजार करोड़ की राशि किसानों के खाते में पहुंच गई।

प्रधानमंत्री ने आदिवासी समूहों को 24 हजार करोड़ की सौगात दी

खूंटी में बिरसा कॉलेज ग्राउंड से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड को 24 हजार करोड़ रुपये की सौगात दी। राज्यवासियों को इस मौके पर 7200 करोड़ की योजनाओं की सौगात मिली। पीएम ने विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया।

बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू पहुंचे

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नरेंद्र मोदी शहीद बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू पहुचे। वे उलिहातू पहुंचने वाले पहले देश के पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं। प्रधानमंत्री ने बिरसा मुंडा के वंशजों से मुलाकात की। इस मौके पर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी मौजूद थे।

सीएम हेमंत बोले, विस्थापितों के लिए विशेष कार्य योजना बने

मुख्यमंत्री हेमत सोरेन ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती और जनजातीय गौरव दिवस पर राज्यवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि वे आदिवासी बहुल राज्य का नेतृत्व कर रहे हैं। सरकार की कोशिश है कि राज्य के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंच चुके है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि विस्थापन का दंश झेलने वाले लोगों के लिए विशेष कार्य योजना बनें। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के जननायकों ने महाजनी प्रथा और शोषण के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी। लेकिन इतिहासकारों ने उन महापुरुषों को समुचित स्थान नहीं दिया।

Compiled: up18 News