FATF की रिपोर्ट में PFI को लेकर बड़ा खुलासा, बड़े पैमाने पर फंड इकट्ठा कर खरीदा गोला-बारूद

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पीएफआई ने सुव्यवस्थित नेटवर्क से पैसा इकट्ठा किया

एफएटीएफ ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट ‘क्राउडफंडिंग फॉर टेररिज्म फाइनेंसिंग’ में पीएफआई पर केस स्टडी का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय अधिकारियों ने बताया कि जांच के तहत एक हिंसक आतंकवादी संगठन ने पूरे देश में फैले सुव्यवस्थित नेटवर्क के माध्यम से धन एकत्र किया।

मस्जिदों और सार्वजनिक स्थानों पर अपील के जरिए पीएफआई की धन उगाहने की रणनीति में ऑफलाइन और ऑनलाइन तंत्र शामिल थे, जैसे- क्यूआर कोड और बैंक अकाउंट डिटेल को शेयर करना जिसके माध्यम से दानदाताओं को पैसे भेजने के लिए कहा गया था। 3,000 से अधिक बैंक खातों और इंफॉर्मल वैल्यू ट्रांसफर सिस्टम का उपयोग किया गया था।

भारत का मूल्यांकन करने वाली है एफएटीएफ

एफएटीएफ वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण पर निगरानी रखने वाली संस्था है। एफएटीएफ ने भारत का ऑनसाइट मूल्यांकन नवंबर के लिए निर्धारित किया है, जबकि मूल्यांकन जून 2024 में पूर्ण चर्चा में किए जाने की संभावना है। कोविड -19 महामारी और एफएटीएफ की मूल्यांकन प्रक्रिया में ठहराव के कारण, भारत का पारस्परिक मूल्यांकन, जो आखिरी बार 2010 में किया गया था, उसे 2023 तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।

पैसों से हथियार और गोला-बारूद खरीदा गया

टेरर फाइनेंसिंग के लिए क्राउडफंडिंग’ पर एफएटीएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि (पीएफआई के) खातों में घरेलू और विदेशी दोनों लेनदेन शामिल थे, जिससे इस मामले की जांच करना बेहद मुश्किल हो गया। धन का उपयोग अंत में अन्य उद्देश्यों के बीच हथियार और गोला-बारूद खरीदने और हिंसक चरमपंथी संगठन के कैडरों को प्रशिक्षण देने के लिए किया गया था।

क्राउडफंडिंग के माध्यम से जुटाए गए धन का एक हिस्सा नियमित आय उत्पन्न करने के लिए व्यवसायों और रियल एस्टेट परियोजनाओं में भी निवेश किया गया था। रिपोर्ट में आगे उल्लेख किया गया है कि आतंकवादी वित्तपोषण (टेरर फाइनेंसिंग) के आरोप में पीएफआई के आठ प्रमुख व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। जांच के परिणामस्वरूप इन व्यक्तियों के 3.5 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने की मांग की जा रही है।

भारत में पिछले साल प्रतिबंधित हुआ था पीएफआई

पिछले साल सितंबर में गृह मंत्रालय ने पीएफआई को उसके सहयोगियों रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल वुमंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल को एक गैरकानूनी संगठन के रूप में घोषित किया गया था। यह अधिसूचना राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के साथ मिलकर पीएफआई, उसके कार्यालयों और सदस्यों के खिलाफ देशव्यापी तलाशी, हिरासत और गिरफ्तारी अभियान चलाने के बाद की गई थी थी।

Compiled: Legend News