नई दिल्‍ली के G20 समिट की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है MIEC

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प्राचीन भारत में कैसे होता था व्‍यापार

अथर्ववेद पर व्यापारिक रास्तों का जिक्र है। सिंधु घाटी सभ्यता के समय भारत दुनिया के कई देशों संग व्यापार करता था। उस समय के दो प्रमुख रूट- उत्तरापथ और दक्षिणापथ थे। हड़प्‍पा के समय में मेसोपोटामिया तक व्यापार होता था। पश्चिम में ईरान और मिस्‍त्र के साथ भारतीय राज्‍यों के व्‍यापारिक संबंध थे।

प्राचीन भारत का सबसे प्रमुख व्यापारिक रूट था ‘सिल्‍क रोड’, जिसके जरिए यूरोप में रोमन साम्राज्य और चीन से व्यापार होता था। भारत में सिल्‍क रोड सात प्रमुख राज्यों- बिहार, जम्‍मू और कश्‍मीर, महाराष्‍ट्र, पुडुचेरी, पंजाब, तमिलनाडु और उत्‍तर प्रदेश से होकर गुजरती थी।

हिंद महासागर की ‘खोज’ ने बदल दी व्यापार की सूरत

यूरोपियंस के हिंद महासागर की ‘खोज’ से पहले भी समुद्र के रास्‍ते खूब व्यापार होता था। तब गुजरात व अन्‍य तटवर्ती इलाकों के व्यापार पाल लगी नावों के इस्तेमाल और मॉनसूनी हवाओं की मदद से यात्रा किया करते थे।

हिंद महासागर व्यापार में शामिल प्रमुख साम्राज्यों में फारस में अचमेनिद साम्राज्य (550-330 ईसा पूर्व), भारत में मौर्य साम्राज्य (324-185 ईसा पूर्व), चीन में हान राजवंश (202 ईसा पूर्व-220 सीई) और भूमध्य सागर में रोमन साम्राज्य (33 ईसा पूर्व-476 सीई)। थे।

नया स्‍पाइस रूट से क्‍या-क्‍या फायदे

नए ‘स्‍पाइस रूट’ में दो गलियारे शामिल होंगे – पूर्व-पश्चिम (भारत को पश्चिम एशिया से जोड़ता है) और उत्तरी गलियारा (पश्चिम एशिया से यूरोप तक)। मंशा यह है कि IMEEEC को दक्षिण-पूर्व एशिया से जोड़ा जाए और व्यापार में कुछ बिल्डिंग ब्लॉक्स का फायदा उठाया जाए।
भारत का आसियान और संयुक्त अरब अमीरात के साथ पहले से ही व्यापार समझौता है, वह यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और खाड़ी सहयोग परिषद के साथ अलग संधियों की संभावना तलाश रहा है। जिसमें क्षेत्र के अन्य देशों के अलावा सऊदी अरब और कुवैत भी शामिल हैं।

इस परियोजना में दुबई बंदरगाह भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच प्राथमिक लिंक हो सकता है। यह बंदरगाह यूएई को सऊदी अरब, तुर्की, इजरायल और यूरोप से जोड़ने वाले रेल लिंक के लिए शुरुआती बिंदु होने की उम्मीद है।
सऊदी अरब और यूएई में कैश-रिच कंपनियों और फंडों सहित आगे के निवेश के लिए एक कैटलिस्‍ट के रूप में काम करने की उम्मीद है।

अधिकारियों ने कहा कि इस सौदे से शिपिंग समय और लागत कम हो जाएगी, जिससे व्यापार सस्ता और तेज हो जाएगा।​

Compiled: up18 News