मध्यप्रदेश: बोर्ड परीक्षाओं के पेपर लीक कांड में भोपाल के चार शिक्षकों समेत पाँच गिरफ़्तार, 19 निलंबित

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मध्य प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं और 12वीं परीक्षा के पेपर लीक होने के मामले में पुलिस ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। चौंकाने वाली बात ये है कि इसमें राजधानी भोपाल के एक परीक्षा केंद्र के केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष और दो पर्यवेक्षक शामिल है, इन पर पेपर लीक करने के आरोप है। जबकि बी.कॉम का एक स्टूडेंट सोशल मीडिया पर पेपर बेचने के आरोप में पकड़ा है।

माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र लीक का मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। एक मार्च से परीक्षा शुरू हुई है और हर दिन का प्रश्नपत्र आधे-एक घंटा पहले इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है।

शनिवार को छापेमारी में एमपी बोर्ड की 12वीं की केमिस्ट्री और बिजनेस एनालिसिस पेपर लीक के आरोप में भानपुर क्षेत्र के विद्यासागर स्कूल केंद्र से 4 शिक्षकों को गिरफ्तार किया गया। इसमें केंद्राध्यक्ष राजकुमार सक्सेना, सहायक केंद्राध्यक्ष रेखा गोयल और पर्यवेक्षक पवनसिंह व विश्वनाथ सिंह शामिल हैं।

पर्यवेक्षक पवन सिंह और विश्वनाथ ने पूछताछ में बताया कि वह कोचिंग सेंटर चलाते हैं। यहां पढ़ने वाले अपने स्टूडेंट्स को अच्छे नंबर से पास कराने के लिए वह परीक्षा से करीब आधा घंटा पहले पेपर वाट्सऐप ग्रुप पर भेज देते हैं। ताकि छात्र पेपर को पढ़कर उसके उत्तर रट लें। जिससे वह अच्छे नंबर ला सकें और उनकी कोचिंग का नाम हो।

पुलिस को आशंका है कि जब आरोपी स्टूडेंट के वाट्सऐप ग्रुप पेपर डालते हैं, तो स्टूडेंट भी किसी अन्य ग्रुप में भेजते ही होंगे। जो पेपर प्रदेशभर लीक होने की संभावना भी है। पुलिस ने इस दिशा में भी जांच शुरू कर दी है। आरोपियों ने पूछताछ में यह भी कबूला कि वह 3 मार्च से इस तरह पेपर भेज रहे हैं। शुक्रवार को दोनों ने केमिस्ट्री और बिजनेस एनालिसिस का पेपर लीक किए थे।

क्राइम ब्रांच ने माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षाओं के पेपर सोशल मीडिया के जरिए बेचने वाले गिरोह का भी भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने शनिवार को रायसेन के मंडीदीप से एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया है। आरोपी के टेलीग्राम ग्रुप्स में बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले 35 हजार स्टूडेंट्स मिले हैं। प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ है कि उसने अकेले 600 स्टूडेंट्स से करीब साढ़े 3 लाख रुपए पेपर देने के नाम पर ऐंठ लिए।

शनिवार दोपहर करीब 1 बजे 10वीं का विज्ञान का कथित पेपर सोशल मीडिया पर सामने आया है। 20 मार्च को 10वीं का विज्ञान का पेपर होना है। सोशल मीडिया पर जीत क्लासेस इंडिया के यूट्यूब चैनल पर एक पेपर अपलोड किया गया है। इसमें दावा किया गया है कि 100 % गारंटी है। एग्जाम में यही पेपर आएगा। पेपर में कई कोड भी दिखाई दे रहे हैं। इस पर विज्ञान विषय और ‘सी’ सेट लिखा नजर आ रहा है। साथ ही सीरियल नंबर 0704721 भी दिख रहा है।

यू-ट्यूब पर पेपर सॉल्व भी करके दिखाया गया। इसमें फिल इन द ब्लैंक्स, ऑब्जेक्टिव्स और समस्त सवालों के जवाब भी बताए गए। यू-ट्यूब के अलावा इसका लिंक टेलीग्राम के ग्रुप जीत क्लासेस पर भी डाला। इस चैनल पर करीब 33 हजार से अधिक लोग जुड़े हैं।

एमपी बोर्ड के सचिव श्रीकांत भनोट का कहना है कि इस पर कोड गलत है, यह फर्जी पेपर है। ऐसे लोगों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहे हैं।एमपी बोर्ड ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि घोर लापरवाही बरतने के कारण 6 केंद्राध्यक्ष, 7 सहायक केंद्राध्यक्षों, 5 शिक्षकों और एक अन्य सहित 19 शिक्षकों को निलंबित किया जा चुका है और उनके खिलाफ FIR दर्ज कर गिरफ्तारी की गई है। इसके साथ ही विद्यार्थियों से भी अनुरोध किया गया है कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा इंटरनेट मीडिया के माध्यम से प्रश्नपत्र-लीक होने संबंधी भ्रामक जानकारियों से दूर रह कर परीक्षाओं की तैयारी करें।