आज धनतेरस है। स्कंद पुराण में वर्णित है कि कार्तिकस्यासिते पक्षे त्रयोदश्यां निशामुखे, यमदीपं बहिर्दद्यादपमृत्युर्विनश्यति… यानी कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन शाम को घर के बाहर यमदेव के लिए दीप रखने से अकाल मृत्यु का निवारण होता है। साथ में, आज ही के दिन धन्वंतरि जयंती और कामेश्वरी जयंती भी मनाई जाती है। पूरे वर्ष में एकमात्र यही वह दिन है जब मृत्यु के देवता यमराज की पूजा सिर्फ दीपदान करके होती है।
22 और 23 तारीख को धनतेरस है। पंचांग भेद होने से दो दिन ये पर्व रहेगा। 24 को दीपावली रहेगी। धनतेरस खासतौर पर भगवान धन्वंतरि, यमराज के साथ ही देवी लक्ष्मी की पूजा का पर्व है। इस दिन सूर्यास्त के बाद दक्षिण दिशा में यमराज के निमित्त एक दीपक जरूर जलाना चाहिए।
धनतेरस पर आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है, क्योंकि इस तिथि पर धन्वंतरि समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे और वे अमृत कलश लेकर आए थे। इस तिथि पर खरीदारी करने का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई चीजें लंबे समय तक खराब नहीं होती हैं और हमारे लिए शुभ रहती हैं।
धनवंतरि के साथ ही यमराज की पूजा करने से अच्छा स्वास्थ्य और अच्छी सेहत मिलती है। पूजा-पाठ के साथ ही राशि अनुसार शुभ चीजें खरीदते हैं तो कुंडली के ग्रह दोष भी शांत हो सकते हैं।
-एजेंसी