ऑस्ट्रेलिया: मेलबर्न के स्वामीनारायण मंदिर में खालिस्तान समर्थकों ने की तोड़फोड़

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रिपोर्ट में कहा गया है कि मंदिर की दीवारों पर विनाश और घृणा के स्तब्ध करने वाले नारे लिखे गए। वहीं, बाप्स ने हमले की निंदा की है। बाप्स ने एक बयान में कहा कि हम बर्बरता और घृणा के इन कृत्यों से दुखी और स्तब्ध हैं। हम शांति और सद्भाव के लिए अपनी प्रार्थना करते हैं और जल्द ही घटना को लेकर विस्तार से जानकारी देंगे।

अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग

घटना को लेकर हिंदू काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया के अध्यक्ष मकरंद भागवत ने कहा कि पूजा स्थलों के खिलाफ किसी भी तरह की नफरत और तोड़फोड़ अस्वीकार्य है और हम इसकी निंदा करते हैं।

उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधि नस्लीय और धार्मिक सहिष्णुता अधिनियम का उल्लंघन है। हमारी सरकार और पुलिस से मांग है कि अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि हम निश्चित रूप से इस मामले को ऑस्ट्रेलियाई सरकार के समक्ष उठाएंगे। हिंदुओं की जान का खतरा बहुत गंभीर मामला है क्योंकि समुदाय इन खालिस्तान समर्थकों से डरता है।

धार्मिक घृणा का कोई स्थान नहीं

वहीं, उत्तरी महानगर क्षेत्र के लिबरल सांसद इवान मुल्होलैंड ने कहा कि यह बर्बरता ऑस्ट्रेलिया के शांतिपूर्ण हिंदू समुदाय के लिए बहुत ही दुखद है। इस तरह की धार्मिक घृणा का यहां कोई स्थान नहीं है। ऑस्ट्रेलिया में हिंदू समुदाय के नेता बाप्स स्वामीनारायण मंदिर पंथ के साथ खड़े हैं और मंदिर पर हमले की निंदा कर रहे हैं।

Compiled: up18 News