छत्तीसगढ़ का खजुराहो भी कहा जाता है भोरमदेव मंदिर, हैरान करने वाली है सुंदर नक्काशी

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भोरमदेव मंदिर को छत्तीसगढ़ का खजुराहो भी कहा जाता है. इस मंदिर कि तुलना उड़ीसा के सूर्य मंदिर से भी की जाती है. ये मंदिर इतना खूबसूरत है कि जिसे देखने के लिए बहुत दूर- दूर से लोग आते हैं. इस मंदिर में भगवान शिव जी की मूर्ति स्थापित हैं. भोरमदेव छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल के नाम से भी प्रसिद्ध है.

छत्तीसगढ़ का खुजराहो

11वीं शताब्दी में बना भोरम देव मंदिर को छत्तीसगढ़ का खुजराहो कहा जाता है. खजुराहो के मंदिर में हाथ से बनी प्रतिमा किसी को भी हैरान कर देती हैं. वहीं सुंदर शिल्पकला का अनूठा संगम भोरमदेव मंदिर की प्रतिमाओं में देखने को मिलता है. खजुराहो के मंदिर और भोरमदेव मंदिर की प्रतिमा को देखने पर लगता ही नहीं कि किसी इंसान ने इन्हें बनाया है. सुंदर शिल्पकला की वजह से खजुराहो की मंदिर से भोरमदेव मंदिर की तुलना की जाती है.

मंदिर की सुंदर नक्काशी

भोरमदेव मंदिर एक बहुत ही प्राचीन मंदिर है, पूरे मंदिर में पत्थरों को काटकर सुंदर नक्काशी की गई है. जो देखने में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लगती है. इस मंदिर में वैष्णव और जैन प्रतिमाएं भारतीय संस्कृति और कला के दर्शन कराती हैं. मंदिर की दीवारों पर लगी ये सुंदर प्रतिमाएं लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचती हैं. पूरे साल भर लोगों का आना -जाना इस मंदिर में लगा रहता है.

भोरमदेव मंदिर कैसे पहुंचे ?

भोरमदेव का प्राचीन मंदिर छत्तीसगढ़ के कबीरधाम ज़िले में स्थित है. मंदिर आने के लिए बस ,रेल ,और हवाई मार्ग का चयन कर सकते हैं. देश के सभी कोने से मंदिर के लिए यायातात सुविधाएं मौजूद हैं.

– एजेंसी