ED के सामने पेशी से पहले झारखंड CM हेमंत सोरेन ने लगाए कई आरोप

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उन्होंने कहा है कि ‘ईडी ने एक हज़ार करोड़ रुपये के अवैध खनन की बात कही है लेकिन सोचने की बात है कि साहिबगंज ज़िले में एक हज़ार करोड़ के घोटाले के लिए कितने करोड़ रुपये का खनन करना होगा.

क्या इतने छोटे ज़िले में उतना बड़ा घोटाला किया जा सकता है. ईडी दो साल से इसकी जांच कर रही है. उन्हें बताना चाहिए कि उन्हें ऐसे साक्ष्य कहाँ से मिले. उनके आरोपों का आधार क्या है.’

हेमंत सोरेन ने ये भी कहा, ‘मैं राज्य का मुख्यमंत्री हूँ. संवैधानिक पद पर हूँ. इसके बावजूद मुझे इस तरह समन किया गया जैसे हम देश छोड़कर भागने वाले हैं जबकि व्यापारियों को छोड़कर कोई राजनेता देश छोड़कर भागा हो, इसका उदाहरण नहीं है.’

सोरेन ने झारखंड के राज्यपाल पर आरोप लगाते हुए कहा है कि ‘मेरी सरकार गिराने का षड्यंत्र किया जा रहा है. चुनाव आयोग ने महीनों पहले राज्यपाल को अपना मंतव्य भेजा है लेकिन राज्यपाल ने उस लिफ़ाफ़े को नहीं खोला. लगता है कि वे भी किसी वक़्त का इंतज़ार कर रहे हैं.

अव्वल तो यह कि उन्होंने मीडिया बयान में कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग से दूसरा मंतव्य माँगा है जबकि चुनाव आयोग ने मुझे पत्र भेजकर बताया कि राज्यपाल ने कोई दूसरा मंतव्य नहीं माँगा है. उनका पद राजनीतिक नहीं है लेकिन लगता है कि वे भी षड्यंत्र में शामिल हैं.’
इसके साथ ही सोरेन ने कहा है कि ‘मुझे पता चला है कि यूपीए के कुछ और विधायकों के घर छापा मारने और उन्हें नोटिस देने की तैयारी की जा रही है.’

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मीडिया से बात करने के बाद रांची के एयरपोर्ट रोड स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दफ़्तर चले गए. वहां उनसे पूछताछ की जाएगी.

उनके क़ाफ़िले के पीछे सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं की भीड़ भी ईडी दफ़्तर की तरफ़ जा रही है. जब वे प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर रहे थे तब बाहर खड़े कार्यकर्ता हेमंत सोरेन ज़िंदाबाद के नारे लगाते रहे.

हिनू चौक से ईडी दफ़्तर जाने वाली सड़क पर सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गई है. और ईडी दफ़्तर की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है. रांची के डीसी राहुल सिन्हा और एसएसपी किशोर कौशल भी वहां पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था का जायज़ा लिया.

ईडी दफ़्तर के साथ बीजेपी ऑफिस और मुख्यमंत्री आवास पर भी सुरक्षा के लिए अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है.

रांची शहर के अलग-अलग जगहों पर भी सुरक्षा के इंतज़ाम किए गए हैं. ईडी ने समन कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए 17 नवंबर को अपने दफ़्तर आने के लिए कहा था. एक महीने के अंदर उन्हें दूसरी बार समन किया गया, क्योंकि पहले समन के बाद उन्होंने अपनी व्यस्तता का हवाला देकर ईडी से तीन सप्ताह का समय मांगा था.

इधर, मुख्यमंत्री को ईडी के समन के बाद राज्य में सियासी सरगर्मी तेज़ हो गई है. राज्य में सत्तारूढ़ यूपीए विधायक दल ने हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार की शाम बैठक कर हर परिस्थिति से मुक़ाबला करने का संकल्प लिया था.

इसकी अगली शाम झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएसएम) के विधायक मुख्यमंत्री आवास पर और कांग्रेस विधायक अपने विधायक दल के नेता आलमगीर आलम के यहां जुटे. इसके बाद मीडिया को बताया गया कि यूपीए विधायकों ने बदलती राजनीतिक परिस्थितियों में किसी भी निर्णय के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अधिकृत किया है.

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने मीडिया से कहा कि हमारी पार्टी हर हाल में गठबंधन के साथ है और रहेगी. हम जनादेश बचाने की हर कोशिश करेंगे और बीजेपी के मंसूबे पूरे नहीं होने दिए जाएंगे. इधर, बीजेपी ने उनसे नैतिकता के आधार पर इस्तीफ़ा देने की मांग की है.

Compiled: up18 News