एनडीए की बैठक में पीएम मोदी ने विपक्षी गठबंधन पर साधा निशाना, बोले- नकारात्मकता के साथ बने गठबंधन कभी सफल नहीं होते

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दिल्ली में मंगलवार को हुई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ( एनडीए ) की बैठक में प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी  ने विपक्षी गठबंधन पर कहा- ये साथ तो आ सकते हैं, पास नहीं। केरल में लेफ्ट और कांग्रेस एक-दूसरे के खून के प्यासे हैं, लेकिन बेंगलुरु में हाथ पकड़कर हंस रहे हैं।

बंगाल में लेफ्ट और तृणमूल कांग्रेस लड़ रहे हैं, लेकिन बेंगलुरु में साथ खड़े हैं। जनता जानती है ये मिशन नहीं मजबूरियां है। इन्हें अपने कार्यकर्ताओं की भी चिंता नहीं।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की आज अहम बैठक में 38 सहयोगी पार्टियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने बैठक को संबोधित किया और नए विपक्षी गठबंधन पर जमकर निशाना साधा।

पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा– हमारे साथ आज बादल जी और बाला साहेब के सच्चे अनुयायी मौजूद हैं। इसके बाद उन्होंने कहा- हमने अटलजी के दौर में भी देखा और पिछले 9 सालों में बार-बार देख रहे हैं। आज पूरे विश्व का भारत पर भरोसा बढ़ा है।

पीएम मोदी ने कहा कि राज्यों के विकास से देश से विकास, इस मंत्र के साथ एनडीए ने हमेशा काम किया है। मैं नए साथियों का हृदय का स्वागत करता हूं। एनडीए के 25 वर्षों की यात्रा के साथ एक और सुखद संयाग जुड़ा है। यह वह समय है , जब हमारा देश आने वाले 25 साल के लिए बड़े लक्ष्य की ओर कदम बढ़ा रहा है। यह लक्ष्य विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत का है। इस अहम कालखंड में एनडीए की बहुत बड़ी भूमिका है। यह नई ऊर्जा से भरी हुई।

एनडीए के 25 साल पूरे होने पर मोदी ने कहा- एनडीए में N का मतलब न्यू इंडिया है, D का मतलब डेवलप्ड नेशन यानी विकसित राष्ट्र ओर A का अर्थ है एस्पिरेशन यानी लोगों की आकांक्षा है। आज युवा, महिलाएं, मध्यम वर्ग, दलित और वंचितों को एनडीए पर भरोसा है।

हमारा संकल्प पॉजिटिव है, एजेंडा पॉजिटिव है, रास्ता भी पॉजिटिव है। सरकारें बहुमत से बनती हैं, सबके साथ से चलती हैं। देश में राजनीतिक गठबंधन का पुराना इतिहास है, लेकिन नकारात्मक विचार से बने गठबंधन सफल नहीं हुए।

एनडीए का लक्ष्य सत्ता हासिल करना नहीं था। एनडीए किसी के विरोध में नहीं बना था। एनडीए किसी को सत्ता से हटाने के लिए नहीं बना था। इसका गठन देश में स्थिरता लाने के लिए हुआ था। जब देश में स्थिर सरकार होती है तो देश कालजयी फैसले करता है।

एनडीए की एक और विशेषता रही है, विपक्ष में भी हमने सकारात्मक राजनीति की कभी नकारात्मक राजनीति का रास्ता नहीं चुना। विपक्ष में रहकर सरकार का विरोध किया, उनके घोटालों को सामने लाए, लेकिन जनादेश का विरोध नहीं किया। हमने सरकार के विरोध के लिए विदेशी मदद नहीं ली।

हमारी सरकार से पहले का गठबंधन बड़ी मुश्किल से 10 साल सरकार चला पाया, लेकिन देश को क्या मिला। पीएम पद के ऊपर एक शख्स, निर्णय लेने में अक्षमता… पिछली सरकार में क्रेडिट लेने के लिए सब आगे आते थे, लेकिन गलती होने पर दोष सहयोगियों पर डाल देते थे। उनके लिए गठबंधन मजबूरी थी, लेकिन हमारे लिए गठबंधन मजबूरी नहीं मजबूती का प्रतीक है।

हमारे लिए बहुत आसान था कि आजादी के 75 साल पूरे होने पर हम कोई स्मारक बनवा देते, लेकिन हम देश के कोने-कोने में एक लाख अमृत सरोवर बना रहे हैं। हमारी स्पीड, उद्देश्य अभूतपूर्व है। हम मेक इन इंडिया पर भी बल दे रहे हैं और देश के पर्यावरण पर भी ध्यान दे रहे हैं।

हमने प्रणब दा को भारत रत्न दिया, वे जीवन भर कांग्रेस में रहे, लेकिन उन्हें सम्मान देने में हमने संकोच नहीं किया। हमने शरद पवार, मुलायम सिंह जैसे कई नेताओं को पद्म सम्मान दिया है, वे कभी एनडीए में नहीं थे।

अपने संबोधन के आखिर में प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे शरीर का हर कण, मेरे जीवन का हर क्षण देश को समर्पित है। भरोसा दिलाता हूं कि NDA के तीसरे टर्म में देश की इकोनॉमी दुनिया में तीसरे नंबर पर होगी।