नई दिल्ली। समलैंगिक विवाह मामले पर पूर्व जजों और नौकरशाहों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र लिखा गया जिसमें कहा गया कि हम आने वाली पीढ़ियों को ऐसा माहौल नहीं दे सकते।
पत्र में कहा गया है कि समलैंगिक विवाह (Same Sex Marriage) करने वालों को कानूनी वैधता प्रदान करने की कोशिशों से वे हैरान हैं. यदि इसकी अनुमति दी गई, तो पूरे देश को इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है. हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को ऐसा माहौल नहीं दे सकते.
राष्ट्रपति को लिखे गए पत्र में सेम सेक्स मैरिज मसले पर विरोध दर्ज कराया गया है. पत्र में कहा गया है कि भारतीय सामाजिक ताने-बाने को देखते हुए सेम सेक्स मैरिज को कभी भी कानूनी मान्यता नहीं दी जा सकती.
इस तरह की सोच रखने वाले लिबरल दिखने के चक्कर में भारतीय मूल्यों को पहले ही तलाक दे चुके हैं. पत्र लिखने वालों में अनेक सेवानिवृत्त न्यायाधीश, आईएएस, आईपीएस समेत करीब 120 पूर्व अधिकारी शामिल हैं.
– एजेंसी