कोयंबटूर। ईशा योग केंद्र में वर्ष के सबसे बड़े त्योहार – महाशिवरात्रि – की तैयारियां चल रही हैं। सद्गुरु की उपस्थिति में रात भर चलने वाला यह महोत्सव, 1 मार्च को शाम 6 बजे शुरू होगा, और अगली सुबह 6 बजे तक चलेगा। ईशा महाशिवरात्रि को यूट्यूब चैनल पर ऑनलाइन लाइवस्ट्रीम किया जाएगा। इसे अंग्रेजी, तमिल, हिंदी, तेलुगू, कन्नड़, मराठी और कई दूसरी क्षेत्रीय भाषाओं के सभी प्रमुख टीवी नेटवर्क्स पर भी प्रसारित किया जाएगा।
महाशिवरात्रि भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इस त्यौहार में आदिगुरु शिव की कृपा का उत्सव मनाया जाता है। आदियोगी शिव से ही योग परंपरा की शुरुआत हुई थी। इस रात के दौरान ग्रहों की स्थिति ऐसी होती है कि मानव शरीर में जीवन-ऊर्जा, स्वाभाविक रूप से ऊपर चढ़ती है। इस रात, रीढ़ की हड्डी को सीधी और खड़ी रखते हुए पूरी रात जागते रहना और जागरूक रहना, हमारी शारीरिक और आध्यात्मिक खुशहाली के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए, इस कार्यक्रम में प्रवेश पर रोक होगी, और सिर्फ़ आमंत्रित व्यक्ति ही इसमें प्रवेश पा सकेंगे। वैसे तो इस पूरे कार्यक्रम को यूट्यूब चैनलों पर 16 भाषाओं में सीधा प्रसारित (लाइव स्ट्रीम) किया जाएगा, पर उम्मीद की जा रही है कि दुनिया भर से लाखों भक्त, टीवी पर भी इसे देखेंगे। ईशा योग केंद्र में इस महोत्सव में शामिल होने वाले लोगों के लिए, सभाओं में व्यक्तिगत रूप से हिस्सा लेने से जुड़े सभी सरकारी नियम लागू होंगे। इसके अलावा, मेडिकल स्क्रीनिंग, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना और सैनिटाइज़र रखना भी ज़रूरी होगा।
यह महोत्सव रात भर चलेगा और इसकी शुरुआत ध्यानलिंग में पंच भूत आराधना से होगी। इसके आलावा लिंग भैरवी महा-यात्रा, सद्गुरु के साथ सत्संग, मध्य-रात्रि ध्यान और शानदार आदियोगी दिव्य दर्शनम् भी इस महोत्सव का हिस्सा होंगे। महाशिवरात्रि समारोह के दूसरे मुख्य आकर्षण होंगे – शानदार संगीत और नृत्य प्रदर्शन। पेपोन, मास्टर सलीम, हंसराज रघुवंशी, मंगली और शॉन रोल्डन जैसे देश के कई हिस्सों के जाने-माने कलाकार, अपने अनूठे और विविध संगीत के साथ दर्शकों का मनोरंजन करेंगे। ईशा फाउंडेशन के अपने संगीत बैंड – साउंड्स ऑफ ईशा – की प्रस्तुतियां, और ईशा संस्कृति के नृत्य प्रदर्शन भी महाशिवरात्रि महोत्सव का हिस्सा होंगे।
वर्ष 2021 में 11-12 मार्च को आयोजित महाशिवरात्रि कार्यक्रम के ऑनलाइन दर्शकों की संख्या, ग्रैमी अवार्ड्स टेलीकास्ट के दर्शकों की संख्या से 50% ज़्यादा थी। ग्रैमी अवार्ड्स 14 मार्च को प्रसारित हुए थे। ईशा योग केंद्र में आयोजित महाशिवरात्रि महोत्सव, उस सप्ताह के दुनिया के टॉप 50 लाइवस्ट्रीम्स में जगह बनाने वाली इकलौती भारतीय लाइवस्ट्रीम थी। उस कार्यक्रम को 130 देशों के लोगों ने देखा था, जिससे यह मार्च 2021 में पूरी दुनिया का सबसे बड़ा त्योहार बन गया था।
योग की कृपा में
“योग की कृपा में” महाशिवरात्रि के दौरान आयोजित एक विशेष कार्यक्रम है। महाशिवरात्रि का समय, आध्यात्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह कार्यक्रम एक अवसर है, जिसकी मदद से आध्यात्मिक साधक इस समय के दौरान गुरु की कृपा का अनुभव कर सकते है। सद्गुरु के साथ इस कार्यक्रम में हिस्सा लें। वे योग के कभी न बदलने वाले उन सार तत्वों को समझाएंगे, जो सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक रिवाजों में हमेशा मौजूद रहते हैं। इस कार्यक्रम को 5 समय क्षेत्रों में, और 9 भाषाओं में ऑनलाइन भेंट किया जा रहा है।
रूद्राक्ष दीक्षा
रुद्राक्ष शब्द का अर्थ है “शिव के आंसू”। जो लोग महाशिवरात्रि समारोह में ऑनलाइन या ईशा योग केंद्र में आकर हिस्सा लेंगे, उन्हें महाशिवरात्रि की रात में एक विशेष प्रक्रिया में सद्गुरु द्वारा प्राण-प्रतिष्ठित रुद्राक्ष प्राप्त करने का अवसर भी मिलेगा। रुद्राक्ष, आदियोगी की कृपा को प्राप्त करने का एक शक्तिशाली साधन है। 50 लाख से अधिक विशेष रूप से प्राण-प्रतिष्ठित रुद्राक्ष मनकों को नि:शुल्क बांटने के लिए तैयार किया जा रहा है।
आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उल्लास के सात दिन
इस वर्ष महाशिवरात्रि इसलिए भी खास होगी, क्योंकि इस साल पहली बार, 1 मार्च के रात्रि महोत्सव के बाद, सात दिनों तक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उल्लास के कार्यक्रम होंगे, जो 8 मार्च को समाप्त होंगे। इस दौरान उप-योग, शिव मन्त्रों और यक्ष उत्सव के माध्यम से खुशहाली के गहरे आयामों का अनुभव करने के कई मार्ग उपलब्ध होंगे। यक्ष, एक तीन दिवसीय (2-4 मार्च) संगीत और नृत्य का उत्सव है, जिसे ईशा के यूट्यूब चैनल पर लाइव स्ट्रीम किया जाएगा।
महा-अन्नदान में सभी मेहमानों को भोजन की भेंट की जाती है। यह भेंट इस उत्सव का एक प्रमुख हिस्सा है। महाशिवरात्रि की रात के दौरान, और उसके बाद सात दिन तक, हज़ारों मेहमानों के लिए खाना पकाने और भोजन बांटने में सैकड़ों वॉलंटियर हिस्सा लेंगे।
महाशिवरात्रि 2022 पर इन कलाकारों की प्रस्तुतियां होंगी
पेपोन
अंगराग महंता, उनके मंच पर प्रचलित नाम पेपोन से जाने जाते हैं। वे असम के एक प्लेबैक गायक और संगीतकार हैं। वे लोक-गीत बैंड, पेपोन एंड द ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रमुख गायक और संस्थापक भी हैं।
मास्टर सलीम
मास्टर सलीम बॉलीवुड फिल्मों में एक भक्ति गायक और प्लेबैक गायक के रूप में अपने काम के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने पंजाबी और सूफ़ी संगीत के निजी एल्बम भी रिलीज़ किए हैं।
हंसराज रघुवंशी
हंसराज के अधिकांश गीत शिव को समर्पित हैं। उनका गीत ‘डमरू वाले बाबा’ सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिससे उन्हें काफ़ी प्रसिद्धि मिली थी।
मंगली
सत्यवती राठौड़, जिन्हें मंगली के नाम से जाना जाता है, आंध्र प्रदेश की एक प्लेबैक गायिका, टीवी प्रस्तुतकर्ता और अभिनेत्री हैं। ईशा महाशिवरात्रि में यह उनकी दूसरी प्रस्तुति है। उन्होंने पिछले साल अपनी भावपूर्ण आवाज से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया था।
शॉन रोल्डन
राघवेंद्र राजा राव, शॉन रोल्डन के रूप में अधिक लोकप्रिय हैं। वे तमिल फिल्म उद्योग के लिए कर्नाटक संगीत और गीतों की रचना करते हैं। उन्होंने एक संगीतकार के रूप में कर्नाटक संगीत के गीतों पर काम करना शुरू किया था, पर बाद में उन्होंने अपने बैंड “सीन रोल्डन एंड फ्रेंड्स” के साथ खुद तमिल संगीत की रचना शुरू की।
-एजेंसी
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