जापान की आत्म रक्षा सेना के दिवंगत कर्मियों को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी श्रद्धांजलि

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राजनाथ सिंह मंगोलिया तथा जापान की अपनी पांच दिवसीय के आखिरी पड़ाव में तोक्यो पहुंचे हैं। इस यात्रा का मकसद क्षेत्रीय सुरक्षा के हालात और वैश्विक भू-राजनीति में उथलपुथल के बीच दोनों देशों के साथ भारत के रणनीतिक व रक्षा संबंधों का विस्तार करना है।
सिंह ने कुछ तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, ‘‘जापान के सेल्फ डिफेंस फोर्सेज के उन कर्मियों को मेरी श्रद्धांजलि, जिन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।’’

राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर जापान के अपने समकक्षों के साथ आज ‘टू प्लस टू’ प्रारूप में वार्ता करेंगे।

जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा के वार्षिक भारत-जापान शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत की यात्रा करने के करीब पांच महीने बाद यह वार्ता हो रही है।

‘टू प्लस टू’ वार्ता में, दोनों पक्षों के हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्रगति का आकलन करने के अलावा रक्षा व सुरक्षा के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर विचार-विमर्श करने की उम्मीद है।

अपने समकक्ष यासुकाजु हमदा से की मुलाकात

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज ही जापान के अपने समकक्ष यासुकाजु हमदा से मुलाकात भी की। सिंह ने कहा कि दोनों देशों के बीच विशेष द्विपक्षीय रणनीतिक व वैश्विक साझेदारी एक स्वतंत्र, मुक्त और कानून-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

राजनाथ सिंह मंगोलिया तथा जापान की अपनी पांच दिवसीय के आखिरी पड़ाव में तोक्यो पहुंचे हैं।

सिंह ने हमदा ने मुलाकात के बाद ट्वीट किया, ‘‘जापान के रक्षा मंत्री यासुकाजु हमदा के साथ द्विपक्षीय वार्ता में रक्षा सहयोग व क्षेत्रीय मामलों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की। इस साल दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत और जापान एक विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी का अनुसरण करते हैं। जापान के साथ भारत की रक्षा साझेदारी स्वतंत्र, मुक्त और कानून-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।’’

हिंद-प्रशांत में चीन के बढ़ते सैन्य हस्तक्षेप के बीच भारत, अमेरिका और कई अन्य विश्व शक्तियां स्वतंत्र, मुक्त और कानून-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र की आवश्यकता पर जोर दे रही हैं।

चीन लगभग पूरे विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, हालांकि ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके कुछ हिस्सों पर अपना दावा करते हैं। चीन ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान भी बनाए हैं।

जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा के वार्षिक भारत-जापान शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत की यात्रा करने के करीब पांच महीने बाद यह वार्ता हो रही है।

-एजेंसी