मनी लॉन्ड्रिंग केस: कार्ति चिदंबरम को अग्रिम जमानत देने से कोर्ट का इंकार

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वीजा घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में शुक्रवार को CBI की एक अदालत ने कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम और दो अन्य की की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी. कोर्ट ने पिछले सप्ताह दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. कार्ति चिदंबरम, एस भास्कर रमन और विकास मखरिया की अग्रिम जमानत याचिकाओं पर 3 जून के लिए आदेश सुरक्षित रखा था.

प्रवर्तन निदेशालय ने हाल ही में मामले में सीबीआई मामले के बाद कांग्रेस नेता के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था. सीबीआई ने वर्ष 2011 में हुए वीजा मामले में पिछले दिनों कार्ति, उनके सहयोगी भास्करन रमन और पंजाब में काम कर रही एक कंपनी समेत कई लोगों के खिलाफ आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था.

50 लाख रुपए लेने का है आरोप

एफआईआर में कहा गया कि पंजाब में बिजली संयंत्र लगा रहे वेदांता समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड के एक शीर्ष अधिकारी ने कार्ति और उनके करीबी सहयोग एस भास्कर रमन को वीजा जारी कराने के लिए 50 लाख रुपये दिए थे. साथ ही आरोप है कि चीनी कंपनी ने भास्कर रमन के जरिये ही कार्ति से संपर्क साधा था. सीबीआई ने इस मामले में भास्कर रमन को गिरफ्तार किया था.

आठ घंटे तक हुई थी पूछताछ

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने वर्ष 2011 में 263 चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने के लिए कथित तौर पर 50 लाख रुपये रिश्वत लेने के मामले में लोकसभा सांसद कार्ति चिदंबरम से लगातार दूसरे दिन आठ घंटे तक पूछताछ की थी. अधिकारियों ने यह जानकारी दी थी. यह मामला तब का है, जब कार्ति के पिता पी चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे. सीबीआई ने कार्ति और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

-एजेंसियां


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