मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने डिजिटल युग और इसकी चुनौतियों पर की बात

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क्या बोले सीजेआई

अपने संबोधन में सीजेआई ने कहा कि स्वतंत्रता खुद फैसले लेने और अपना जीवन बदलने की क्षमता है और व्यक्ति को पहचान उसके फैसलों से मिलती है। हमें लगातार लोगों के जीवन के अवसरों को सीमित करने या विस्तारित करने के इस अंतर्संबंध और इसमें राज्य की भूमिका का सामना करना पड़ता है।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि परंपरागत रूप से, स्वतंत्रता को किसी व्यक्ति के चुनाव करने के अधिकार में राज्य के हस्तक्षेप ना करने के रूप में समझा जाता है। हालांकि, समकालीन विद्वान इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि सामाजिक पूर्वाग्रहों को बनाए रखने में राज्य की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

मुख्य न्यायाधीश ने डिजिटल युग और इसकी चुनौतियों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि हम एआई तकनीक की नैतिकता पर उठ रहे सवालों को देख रहे हैं और एआई और व्यक्तित्व के बीच एक जटिल अंतरसंबंध है।

Compiled: up18 News