एक अनसुलझी पहेली: मेडिकली मृत घोषित होने के बाद जीवित बच गए लोग सांझा कर रहे अनुभव…

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साइंस की परेशानी

यही वजह है कि सदियों से इस बात पर रिसर्च और विभिन्न शोध किए जा रहे हैं कि मृत्यु के बाद जब शरीर यहाँ रह जाता है तब आत्मा को कैसा महसूस होता है। दुनिया के बड़े-बड़े वैज्ञानिक और शार्प माइंडेड लोग भी अभी तक इस पहेली को नहीं सुलझा पा रहे हैं कि शरीर छोड़ने के बाद आत्मा कहाँ जाती है।

सवालों का जवाब

अंग्रेजी वेबसाइट रेडिट पर इसी से संबंधित एक थ्रेड चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत उन लोगों से सवाल किए जा रहे हैं जिन्होंने क्लिनिकली डेड यानि साइंस द्वारा मृत घोषित हो जाने के बाद पुनः जीवन प्राप्त किया है। इस थ्रेड के अंतर्गत लोगों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है, एक वो जिन्हें ‘डेड’ होने के बाद कुछ भी महसूस नहीं हुआ, दूसरे वे जो मरने के बाद किसी अन्य व्यक्ति से बात कर रहे थे और तीसरे वो जिन्होंने कुछ अलग अनुभव किया, जैसे रोशनी देखी या कुछ अन्य घटना घटित हुई।

वास्तविक अनुभव- 1

एक यूजर ने बताया कि जब वह एंजियोग्राफी के लिए गया था तो कुछ देर तो सब ठीक चल रहा था, लेकिन एक समय बाद अचानक डॉक्टर दिखने बंद हो गए। उसका कहना था “मैं जिस कमरे में लेटा था, वहाँ अचानक से अंधेरा छा गया। मुझे आसपास की कोई भी आवाज सुनाई नहीं दे रही थी। सब एक दम शांत हो गया था, इतनी शांति मैंने जीवन में कभी अनुभव नहीं की थी। मेरे भीतर भी एक संतुष्टि थी, न कोई हलचल न कोई स्ट्रेस। अचानक से ऐसा लगा किसी ने मेरा हाथ पकड़कर मुझे उठाया अपने साथ चलने के लिए मुझे तैयार कर लिया। लेकिन जैसे ही मैं उठाया मेरा हाथ जोर से झटक कर छोड़ दिया और फिर अचानक से डॉक्टरों की आवाज आने लगी “हमने बचा लिया”।

वास्तविकअनुभव- 2

मेडिकली डेड घोषित होने के बाद पुनः जीवित होना किसी चमत्कार से कम नहीं है। एक यूजर लिखता है ” मैं अपनी क्लास में पढ़ा रहा था कि अचानक मुझे दिल में दर्द हुआ और कुछ ही समय में एक अजीब सी शांति का अनुभव होने लगा। आसपास सिवाय अंधेरे के कुछ नहीं था, मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मेरे स्टूडेंट्स कहां गए। थोड़ी देर बाद एक रोशनी सी मेरे चेहरे पर पड़ने लगी, सब कुछ चमकने जैसा था। ऐसा लगा कि मैं उस रोशनी की तरफ गिर रहा हूँ। अचानक मुझे एक आवाज आई और मैंने तुरंत अपनी आँखें खोलीं। डॉक्टर के अनुसार उस दौरान मेरे दिल ने काम करना बंद कर दिया था।

वास्तविक अनुभव- 3

तीसरे यूजर ने जो लिखा वह काफी हैरान कर देने वाला है, “काफी पुरानी बात है मैं एक मीटिंग के लिए बाहर गया हुआ था, मीटिंग के दौरान ही मैं गिर गया और करीब 5 मिनट के लिए मेरी पल्स और हार्ट बीट दोनों बंद हो गए थे। मुझे मेडिकली डेड घोषित किया गया था। लेकिन उस 5 मिनट में मेरे साथ जो हुआ, वो हैरान कर देने वाला है। मुझे यह याद है कि मुझे एंबुलेंस में ले जा रहे थे और मैं खुद अपनी डेड बॉडी के पास बैठा था। मेरे आसपास कोहरा और अंधेरा था, मैंने वहाँ अपने बेस्ट फ्रेंड को देखा जो मेरे साथ ही आकर बैठ गया।

वापस जाने की इच्छा

हैरानी की बात यह है कि 3 साल पहले ही मेरे उस फ्रेंड की डेथ हो गई थी। उसने मुझे कहा कि अगर तुझे वापस जाना है तो कोशिश करनी होगी, नहीं तो तू भी यही रहा जाएगा। मैंने हार नहीं मानी और अपने शरीर में जाने की कोशिश की। अचानक मेरी आँख खुली और मैंने अपनी माँ को अपने पास बैठे देखा, उन्होंने मुझे बताया कि मेरा जीवित होना एक चमत्कार है।

मृत्यु से जुड़ी मान्यताएँ

दुनिया में जितने धर्म है उतनी ही मान्यताएँ भी मौजूद हैं। उनमें से बहुत सी मान्यताएँ मरने के बाद आत्मा की स्थिति और उसकी यात्रा से जुड़ी हैं। बहुत से लोग स्वर्ग और नर्क की बातों पर विश्वास करते हैं तो कुछ इन दोनों के होने की बात तक को नकार देते हैं।

आत्मा परिवार के बीच रहती है मौजूद

बहुत से लोग ये मानते हैं कि मृत्यु के बाद आत्मा को अपने पूर्वज दिखाई देते हैं। मृत्यु पश्चात 13 दिनों तक आत्मा अपने परिवार के साथ ही रहती है। वह भले ही उनसे बात नहीं कर पाए, लेकिन वह उन्हें देखती है और कई बार उन्हें अपने होने का अनुभव भी करवाती है।

निजी अनुभवों का प्रभाव

इस तरह की बहुत सी घटनाओं को हमने कई बार पढ़ा और देखा है, लेकिन जब कोई व्यक्ति अपने निजी अनुभवों को शब्द देता है तो निश्चित रूप से वे ज्यादा प्रभावकारी साबित होते हैं। धर्म ग्रंथों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि आत्मा का एक शरीर में वास केवल निर्धारित समय के लिए ही होता है और ना तो वह इस समय से पहले अपने शरीर को छोड़ती है और ना ही उस समयावधि के पूर्ण होने के बाद उसमें रहती है।

Compiled: up18 News