पाकिस्‍तानी मूल के अमेरिकी बिजनेसमैन ने कहा, कोई देश ही नहीं है पाकिस्‍तान… 1947 में हुआ बंटवारा एक भयंकर भूल

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अमेरिका में मौजूद पाकिस्‍तानी मूल के बिजनेसमैन साजिद तरार का मानना है कि भारत और पाकिस्‍तान का बंटवारा वह गलती थी जिसका खामियाजा आज तक मुल्‍क भुगतने को मजबूर है। उन्‍होंने कहा कि यह बंटवारा बहुत ही गलत तरीके से हुआ था।

दूसरी तरफ तरक्‍की की कहानी

एक यू-ट्यूब चैनल को दिए इंटरव्‍यू में साजिद ने इंटरव्‍यू में भारत का जिक्र भी किया। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान की लाइन के दूसरी तरफ एक देश है जिसका डीएनए एक ही है। लेकिन आज वह मिनी सुपरपावर बन चुका है। वह पूरे क्षेत्र का प्रतिनिधित्‍व कर रहा है। आज वह जी-20 की मेजबानी कर रहा है, एससीओ को होस्‍ट कर रहा है। वह रूस और यूक्रेन के बीच मध्‍यस्‍थता कर रहा है।

साजिद के मुताबिक भारत आज कैंसर का इलाज तलाश रहा है मगर हम वहीं के वहीं खड़े हैं। उन्‍होंने बांग्‍लादेश का भी जिक्र किया। उन्‍होंने कहा कि आज बांग्‍लादेश की स्थिति पाकिस्‍तान से कहीं ज्‍यादा बेहतर है। उसका विदेशी मुद्रा भंडार 36 बिलियन डॉलर है। बांग्‍लादेश, पाकिस्‍तान से सारी टेक्‍सटाइल फैक्ट्रियों को भी ले गया है और आज आगे बढ़ रहा है।

कर्ज भी होगा नाकाफी

उन्‍होंंने कहा कि आज पाकिस्‍तान के पास न आटा है, न बिजली और न ही पेट्रोल है। गरीब लोग देश में रहने को मजबूर हैं और जिनके पास पैसे हैं, वो देश छोड़ने के लिए तैयार हैं। पेशावर जैसे आतंकी हमले देश को दहला रहे हैं तो वहीं भूख पाकिस्‍तान को रूलाने में लगी हुई है। उन्‍होंने कहा कि अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की तरफ से जो कर्ज मिलेगा वह भी बहुत कम होगा।

बंटवारा एक भयंकर भूल

एक यू-ट्यूब चैनल को दिए इंटरव्‍यू में साजिद ने कहा कि पाकिस्‍तान को कभी बनाया ही नहीं गया और वह हमेशा फाइलों में ही रहा। पाकिस्‍तान के लिए मुहिम बंगाल से शुरू हुई थी। सन् 1947 में जब पाकिस्‍तान का ऐलान किया तो फिर उनसे जान छुड़ाने की कोशिश करने लगे। आप तो कोई देश हैं ही नहीं। जैसा बंटवारा हुआ था, वैसा दुनिया में कभी नहीं हुआ था। सन् 1947 में एक भयंकर भूल हुई थी। ऐसा बंटवारा तो कभी हुआ ही नहीं हैं। यह एक ऐसा बंटवारा था जिसमें दूसरा हिस्‍सा इतनी दूर था कि जिसकी रक्षा कभी नहीं की जा सकती है।

रिश्‍ते सुधारना बेहद जरूरी

उन्‍होंने कहा कि घाना, कांगो और यहां तक कि अफगानिस्‍तान भी पाकिस्‍तान से अच्‍छा लगने लगा है। अगर भारत और पाकिस्‍तान के मुसलमान इकट्ठे किए जाएं तो आबादी के मामले में ये इस क्षेत्र में एक ताकतवर हिस्‍सा साबित होगा। लेकिन इसके लिए पाकिस्‍तान के मुसलमानों को बेहतर होना पड़ेगा और इस देश के मुसलमानों ने कभी इस्‍लाम को समझा ही नहीं। उन्‍होंने कहा कि हालातों को सुधारने के लिए पाकिस्‍तान को भारत, ईरान और अफगानिस्‍तान के साथ रिश्‍ते सुधारने होंगे।

किसी को कोई फिक्र नहीं

साजिद तरार ने पेशावर की मस्जिद में हुए आतंकी हमले का भी जिक्र किया। तरार ने कहा कि जिस मस्जिद में हमला हुआ उसे अंजाम देने वाले आत्‍मघाती हमलावर के पास 12 किलोग्राम बारूद था। उसने इतनी ज्‍यादा रिसर्च करके रखी थी कि उसे यह भी मालूम था कि मस्जिद की स्थिति कैसी है। तरार की मानें तो पेशावर के जिस इलाके में यह हमला हुआ वह रेड जोन है और वहां पर हजारों की तादाद में पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं। तरार ने कहा कि हमले के बाद सांसद, नेशनल असेंबली में बैठकर हंस रहे थे। इससे साफ है कि किसी को भी पाकिस्‍तान की कोई चिंता नहीं है।

Compiled: up18 News