आगरा: छात्र बोले बिना अंकों के हम कैसे बनेंगे अग्निवीर, जबाब दो हमे सरकार

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आरटीआई में अंक के बदले धमकी दे रहा बोर्ड

विद्यार्थियों के पास क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय से अधिकारी कर रहे फोन
छात्र बोले बिना अंकों के हम कैसे बनेंगे अग्निवीर

आगरा। हाईस्कूल की मार्कशीट में अंको के लिए विद्यार्थी रोज पसीना बहा रहे हैं। उनकी एक ही तमन्ना है कि किसी तरह से अंक मिल जाएं। जिससे वह अन्य छात्रों की तरह उनकी बराबरी कर सकें। बोर्ड तथा शिक्षा विभाग में आरटीआई की अर्जी लगा कर अपने अंक जानने की कोशिश कर रहे हैं। अंकों के लिए वह लगातार अभियान चला रहे हैं लेकिन लेकिन यूपी बोर्ड बच्चों के मंसूबों पर पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। जब बच्चों ने आरटीआई के माध्यम से अपने अंक जानने की कोशिश की तो बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय से अधिकारी छात्राओं को फोन करके धमकी दे रहे हैं। वह कह रहे हैं कि कुछ भी कर लो अंक नहीं मिलेंगे तुम्हें री-एग्जाम के लिए बताया गया था तो री-एग्जाम क्यों नहीं दिए। बिना एग्जाम के नंबर नहीं मिलेंगे। आरटीआई लगाना बंद कर दो। बोर्ड अधिकारियों ने विद्यार्थियों की चिंता बढ़ा दी है। छात्रा डौली ने बताया कि बोर्ड कार्यालय से फोन करने वाले ने अपना नाम रविंद्र पाल सिंह बताया। उन्होंने धमकी दी कि तुम्हें नंबर नहीं मिलेंगे। यह आंदोलन बंद कर दो और आगे से आरटीआई भी मत लगाना। चीनी विमल के पास भी बोर्ड से किसी अधिकारी ने फोन किया। उसे भी धमकी दी गई कहां गया के तत्काल इन गतिविधियों को बंद कर दो। कितना भी प्रयास कर लो तुम्हें अंक नहीं मिलेंगे। इन आंदोलनों से तुम बड़ा नुकसान उठाओगे। इससे पहले आरटीआई लगाने पर डीआईओएस ने विद्यार्थियों के लिए पुलिस बुलाने की धमकी दे डाली थी। संयुक्त शिक्षा निदेशक के हस्तक्षेप पर आरटीआई के आवेदन रिसीव हो पाए थे।

आरटीआई कानून का दुरुपयोग

अंक दिलाने में विद्यार्थियों की मदद कर रहे आरटीआई एक्टिविस्ट नरेश पारस ने कहा के आरटीआई के तहत सूचना मांगने पर कोई सरकारी कार्यालय का अधिकारी या कर्मचारी सूचना के बदले धमकी देता है तो यह सूचना का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है। सूचना मांगने वाली छात्राओं को जानकारी देने के बजाय उन्हें धमकाया जा रहा है। इसकी शिकायत राज्य सूचना आयोग में की जाएगी। पूर्व में अंको के लिए मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत करने वाले छात्रों को भी बोर्ड कार्यालय द्वारा धमकियां दी गई थीं। अपनी गलती को छिपाने के लिए बोर्ड इस तरह की ओछी हरकतें कर रहा है। इससे बोर्ड की गरिमा तार तार हो रही है।

कैसे बनेंगे अग्निवीर

सरकार द्वारा युवाओं के लिए अग्नीपथ योजना शुरू की गई है। जिसमें सरकार युवाओं को अग्निवीर बनाएगी। यह अग्निवीर चार साल तक देश सेवा करेंगे। अग्नीपथ योजना में मेरिट के आधार पर युवाओं का चयन होगा लेकिन केवल प्रमोट वाली कोरी मार्कशीट से विद्यार्थी अग्निवीर नहीं बन पाएंगे। इन विद्यार्थियों का अग्निवीर बनने का सपना अधूरा रह जाएगा। इसको लेकर विद्यार्थी मायूस हैं। दिवाकर चंद, दीपेश पारस, प्रिंस कुशवाह तथा निखिल आदि छात्रों का कहना है कि वह भी अग्निवीर बनना चाहते हैं लेकिन हम तो हमेशा हमेशा के लिए मेरिट सूची से बाहर हो गए। हमारी कभी भी मेरिट नहीं बन पाएगी। हमारे बारे में भी सरकार को सोचना चाहिए।