आगरा: संजय गुप्त की कृति ’75 अमृतवाणी’ का हुआ विमोचन, अपने पिता को समर्पित की पुस्तक

Press Release

आगरा। ‘स्वतंत्रता सेनानी रानी सरोज गौरिहार ने कहा है कि देश की आजादी के हीरक जयंती वर्ष में मनाए जा रहे अमृत महोत्सव पर्व में देशभक्ति की भावना जागृत करने वाले साहित्य का सृजन होना श्रेयस्कर है। वर्तमान दौर में देशभक्ति की बातें अधिक हो रही हैं लेकिन समर्पण भाव में निरंतर ह्रास हो रहा है।’

रानी सरोज गौरिहार ने उक्त उद्गार आज साहित्य सेवी, कवि संजय गुप्त की नवीनतम कृति ’75 अमृतवाणी’ के उद्योतन (विमोचन) के अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त कर किए। यह कार्यक्रम पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान, डॉ भीम राव आम्बेडकर विश्वविद्यालय के तत्वावधान में बाग फरजाना स्थित संस्कृति भवन में आयोजित किया गया।

मुख्य अतिथि मनकामेश्वर मंदिर के महंत योगेश पुरी ने कहा कि श्रावण मास में पुस्तक प्रकाशन बाबा श्री मनकामेश्वर भगवान शंकर की असीम कृपा से ही संभव है। डॉ. सोम ठाकुर ने पुस्तक में राष्ट्रभक्ति के भाव रचनाओं के लिए बधाई दी।

केंद्रीय हिंदी संस्थान की निदेशक प्रो. बीना शर्मा ने कहा कि पुस्तक की रचनाओं में देशप्रेम झलकता है। डॉ. राजेंद्र मिलन ने कहा कि संजय गुप्त के मन में देशभक्ति के भाव इनके पिता करुणेश जी से संस्कार में मिले।

मुख्य वक्ता प्रो. लवकुश मिश्र ने कहा कि ऐसे साहित्य नई पीढ़ी को प्रेरणा देते हैं। विशिष्ट वक्ता राज बहादुर सिंह राज ने कहा कि यह पुस्तक स्वाधीनता सेनानियों को सच्ची श्रद्धांजलि है ।

पुस्तक के रचनाकार संजय गुप्त ने बताया कि 75 अमृतवाणी में भारत और भारत वासियों के कल्याण के लिए रचना की गई कविताओं का संग्रह है। यह पुस्तक पिताजी स्व. रोशन लाल गुप्त करुणेश को समर्पित है।

कार्यक्रम में वर्ष 2021 के किए उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा सम्मान के चयनित आगरा के साहित्यकारों सुशील सरित, डॉ. विक्रम सिंह, प्रो. बीना शर्मा व राज गोपाल सिंह वर्मा को शाल पहना कर सम्मानित किया।

समाज सेवी सुमन सुराना, विवेक जैन, डॉ महेश धाकड़, वी. के. गोयल, केशव सिंह, रंगकर्मी उमाशंकर मिश्र, अनिल जैन, साहित्यकार रेखा कक्कड़, राज कुमारी चौहान, राजकुमार जैन, इनक्रेडिबल इंडिया के ब्रजेश शर्मा व अजय शर्मा, स्वराज्य परिवार से ब्रजेश शर्मा, अपूर्व शर्मा, सोमा सिंह चौधरी, रेखा ठाकुर, पूजा, कवि डॉ. असीम आनंद,पदमावती पदम, प्रेम सिंह राजावत, डॉ रमेश आनंद, मोनिश सक्सेना, निरुपमा जैसवाल, आदि कार्यक्रम में उपस्थित रहे। संचालन अशोक अश्रु विद्यासागर ने किया और आदर्श नंदन गुप्त ने धन्यवाद ज्ञापन किया।