Agra News: बारिश के कारण साँपों के रेस्क्यू कॉल्स में आया इज़ाफा, वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस टीम अलर्ट पर

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आगरा। वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने हाल ही में आगरा के विभिन्न स्थानों से एक नहीं बल्कि तीन कोबरा सांप रेस्क्यू किये। हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण साँपों की रेस्क्यू कॉल्स में वृद्धि के साथ, वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस ने वन्यजीवों और लोगों दोनों की सुरक्षा के लिए अपने अथक प्रयास जारी रखे हुए हैं।

पहली घटना आगरा के बिचपुरी स्थित शिवालिक पब्लिक स्कूल में हुई, जहां स्कूल परिसर के अंदर बगीचे में रखे ईंटों के ढेर के बीच 5 फुट लंबा जहरीला कोबरा सांप दिखाई दिया l स्कूल अधिकारियों ने तुरंत वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस को उनकी हेल्पलाइन (+91 9917109666) पर सतर्क किया, जो घटनास्थल पर पहुंचे। टीम ने पूरी सावधानी बरतते हुए कोबरा को रेस्क्यू किया।

एक और घटना में, आगरा के अरतोनी स्थित बालमुकुंद रामचन्द्र बाज़ारी सरस्वती विद्या मंदिर में भी इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा। जहां स्टाफ रूम में 4 फुट लंबा कोबरा देखा गया, जिससे छात्रों और कर्मचारियों के बीच थोड़ी देर के लिए हंगामा मच गया। वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस को इसकी सूचना दी गई, और उनकी कुशल टीम समस्या के समाधान के लिए पहुंची। सांप को सफलतापूर्वक पकड़ कर एक सुरक्षित परिवहन वाहक में स्थानांतरित कर दिया गया, जिसके बाद सभी ने राहत की सांस ली।

इसके अलावा, आगरा के मलपुरा में किशोर न्याय बोर्ड के रसोई क्षेत्र में एक और कोबरा पाया गया। वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस ने तुरंत स्थिति पर प्रतिक्रिया दी और कोबरा को रेस्क्यू किया। सभी सांपों को कुछ घंटों के लिए चिकित्सकीय निगरानी में रखने के बाद उनके प्राकृतिक आवास में वापस छोड़ दिया गया। जहां वे पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में अपनी भूमिका जारी रखेंगे।

वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के सह-संस्थापक और सी.ई.ओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस जनता से सतर्क रहने और किसी भी जंगली जानवर का सामना होने पर सावधानी बरतने का आग्रह करती है। ऐसी स्थितियों में सुरक्षित रहने और मानवीय प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस या स्थानीय वन विभाग से संपर्क करना महत्वपूर्ण है।

वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी. ने बताया कि, “ऐसी घटनाएं आगरा शहर में बढ़ रही हैं, क्योंकि भारी बारिश सरीसृपों को उनके प्राकृतिक आवास से विस्थापित कर देती है, जिससे उन्हें मानव आबादी वाले क्षेत्रों में आश्रय लेना पड़ता है। उत्तर प्रदेश वन विभाग के सहयोग से वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के मेहनती प्रयास संभावित जोखिमों को कम करने और वन्यजीवों और लोगों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायक रहे हैं।