Agra News: पंचकुण्डीय यज्ञ के साथ होगा पुनर्निर्मित यज्ञशाला का उद्घाटन

Press Release

आगरा। महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200वीं जयन्ती व श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर 3-7 सितम्बर तक आर्य समाज मंदिर फ्रीगंज में वेद प्रचारक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिसमें जाने माने वेदिक विद्वान व भजनोपदेशिका हिस्सा लेंगे। 3 सितम्बर को दोपहर 3 बजे से पंचकुण्डीय यज्ञ के उपरान्त पुनर्निर्मित यज्ञशाला का उद्घाटन शाम पांच बजे राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल करेंगे। इस अवसर पर विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह, पुरुषोत्तम खंडेलवाल, विधान परिषद सदस्य विजय शिवहरे भी मौजूद रहेंगे।

यह जानकारी आर्य समाज आगरा नगर फ्रीगंज के प्रधान बृजराज सिंह परमार ने आर्य समाज मंदिर में आयोजित पोस्टर विमोचन कार्यक्रम में दी। बताया कि भारत भूषण से सम्मानित मेरठ के प्रवक्ता आचार्य डॉ. कपिल मलिक, वैदिक प्रवक्ता आचार्य दत्तात्रेय, भजनोपदेशिका बहन कल्याणी आर्या, यज्ञब्रह्मा आचार्य सोमप्रकाश शास्त्री होंगे। 7 सितम्बर को श्रीकष्ण जन्माष्टमी मनायी जाएगी। जिसमें सभी समाज व धर्म के लोग उपस्थित रहेंगे।

शहरवासियों को वेद प्रचार कार्यक्रम में आमंत्रित करते हुए बताया कि प्रतिदिन दैनिक यज्ञ, रविवार को साप्ताहिक अधिवेशन का आयोजन किया जाता है। महर्षि दयानन्द सरस्वती के सिद्धांतों का अनुसरण किया जाता है। 142 वर्ष पुरानी संस्था है। जो सत्य है उसे जानने के लिए प्रेरित करते हैं। जब हम किसी को जानते हैं तभी मानते हैं।

इस अवसर पर मुख्य रूप से आर्य समाज आगरा नगर फ्रीगंज के उपप्रधान ज्ञान प्रकाश गुप्ता, मंत्री रमन तिवारी, प्रबंधक ललित मोहन दुबे, अभिषेक झा, गौरव परमार, विकास सिंघल, केवी शर्मा आदि उपस्थित थे।

ये होंगे कार्यक्रम

3 सितम्बर – दोपहर 3 बजे पंचकुण्डीय यज्ञ, शाम 5 बजे यज्ञशाला का उद्घाटन।
4 सितम्बर – प्रातः 7.30 से 9.30 बजे यज्ञ, भजन, प्रवचन, शाम 7 से 9.30 बजे तक भजन, प्रवचन एवं ऋषि लंगर।
5 सितम्बर – प्रातः 7.30 से 9.30 बजे तक यज्ञ, भजन, प्रवचन, दोपहर 12 से 2 बजे तक केदारनाथ सैक्सरिया आर्य कन्या टर कालेज बेलनगंज में यज्ञ, भजन, प्रवचन।
6 सितम्बर – प्रातः 7.30 से 9.30 बजे तक यज्ञ, भजन वं प्रवचन। दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक महिला महा सम्मेलन, भजन प्रवचन एवं ऋषि लंगर।
7 सितम्बर – प्रातः 7.30 से दोपहर 12 बजे तक यज्ञ, भजन व प्रवचन के अलावा विद्यार्थिर्यों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति, ऋषि लंगर एवं समापन।