Agra News: क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर शातिरों ने व्यापारी से ठगे बीस लाख रुपये, आरोपी पकड़ से बाहर

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आगरा: क्रिप्टोकरेंसी में रुपये लगाने का लालच देकर जिले के एक व्यापारी से बीस लाख रुपये की धोखाधड़ी हो गई। पीड़ित ने मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस आरोपी को अभी नहीं पकड़ सकी है।

न्यू आगरा क्षेत्र के व्यापारी जय प्रताप सिंह के साथ यह धोखाधड़ी हुई। अगस्त, 2020 में उन्हें कोयल करेंसी के नाम पर ठगा गया, जिसके छह महीने में एक रुपये से 150 रुपये प्रति करेंसी होने का दावा किया था। उनसे 20 लाख रुपए ले लिए गए। मगर, कोई मुनाफा नहीं हुआ। उन्होंने तीन आरोपी रवि पंचाल, सुभाष जेवरिया और देवेंद्र पंचाल उर्फ बंटी के खिलाफ मुकदमा लिखाया। पुलिस आरोपियों को नहीं पकड़ पाई।

दूसरा मुकदमा आरोपियों के खिलाफ ग्वालियर में लिखा गया था। वहां के व्यापारी से 1.50 करोड़ की धोखाधड़ी की थी। ग्वालियर पुलिस ने एक आरोपी सुभाष को गिरफ्तार कर जेल भेजा। उसने कई लोगों से ठगी की थी। देवेंद्र और रवि विदेश भाग गए थे। आगरा पुलिस ने भी आरोपी से पूछताछ की थी।

साइबर सेल के एक्सपर्ट विजय तोमर का कहना है कि हर देश की अपनी एक अलग-अलग मुद्रा होती है। भारत में रुपये, अमेरिका में डालर, सऊदी अरब में रियाल आदि का प्रचलन है। मगर, क्रिप्टोकरेंसी इन मुद्राओं से अलग होती है। क्रिप्टो वो मुद्रा है, जिसे आप देख और छू नहीं सकते हैं। यह छुपा हुआ होता है। ये एक प्रकार का डिजिटल रुपया है। इसे सिर्फ ऑनलाइन रूप में अपने पास रखा जा सकता है। इनमें बिटक्वाइन, एथेरियम, लाइटकॉइन शामिल हैं। इसकाे कोई कंट्रोल नहीं करता है। कोई डिजिटल फुट प्रिंट भी नहीं करता है। यह मल्टीलेयर में होती है। वर्चुअल करेंसी को ऑनलाइन वाॅलेट में रखा जाता है। इसका लेन-देन वाॅलेट में ही छुपा हुआ रहता है। इसका खाता ब्लाकचेन नामक एक सार्वजनिक डिजिटल खाता बही पर दर्ज किया जाता है।

पिछले कुछ सालों में लोगों में क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज बढ़ा है। इसकी वजह है कि क्रिप्टोकरेंसी के कुछ ही समय में दोगुना से लेकर दस गुना तक बढ़ऩे का आश्वासन दिया जाता है। गिरोह झांसा देते हैं कि रकम लगाने पर डुबेगी नहीं।

साइबर एक्सपर्टके मुताबिक, किसी भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से पहले जानकार व्यक्ति से अच्छी तरह से समझ लें। इससे जुड़ी किसी वेबसाइट व एप्लीकेशन की प्रमाणिकता की जांच कर लें। ध्यान रहे कि यह किसी सरकार या बैंकिंग सिस्टम के अधीन नहीं है। धोखाधड़ी होने पर पुलिस की मदद लें।