आगरा: मातृ-शिशु मृत्यु दर को रोकने को 21 दिवसीय स्किल बर्थ अटेंडेंस ट्रेनिंग में ट्रेनिंग ले रहे स्वास्थ्यकर्मी

Press Release

आगरा: मातृ-शिशु मृत्यु दर रोकने समेत संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने को लेकर जनपद में स्किल बर्थ अटेंडेंस ट्रेनिंग दी जा रही है। इसमें 32 स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाना है। जिसमें आठ लोगों की ट्रेनिंग पूर्ण हो चुकी है और दूसरे बैच की ट्रेनिंग जारी है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मातृ-शिशु मृत्यु दर रोकने और संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने में स्वास्थ्य कर्मियों जैसे स्टाफ नर्स, एएनएम की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने बताया कि 32 लोगों को एसबीए प्रशिक्षण दिया जाना है। इसके चार बैच बनाए गए हैं। पहले बैच में आठ लोगों का प्रशिक्षण संपन्न हो गया है। दूसरे बैच का प्रशिक्षण शुरू हो चुका है।

पहले बैच की ट्रेनिंग हुई संपन्न

सीएमओ द्वारा 31 जनवरी को जिला महिला चिकित्सालय में ट्रेनिंग के समापन के अवसर पर पहले बैच के आठ सदस्यों को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर जिला महिला चिकित्सालय की एसआईसी डॉ. रेखा गुप्ता ने बताया कि प्रशिक्षण में ऐनिमिक गर्भवतियों को एनिमिया से बचाव और प्रसव के दौरान पीपीएच प्रबंधन, एंटी नेटल, पोस्टर नेटल केयर,एंक्लैप्सिया,स्तनपान,कंगारू देखभाल, प्रसव पश्चात देखभाल, प्रसव पूर्व परीक्षण, प्रसव पूर्व रक्तस्राव, एएमटीएसएल आदि की जानकारी दी गई। इस मौके पर प्रसव में आने वाली जटिलता का भौतिक और मौखिक दोनों प्रशिक्षण दिए गए।

इस अवसर पर जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. नीलम रानी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके वर्मन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला प्रक्रिया प्रबंधक कुलदीप भारद्वाज, जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता संगीता भारती मौजूद रहे।

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