आगरा: खाद्यान्न पर जीएसटी, बिगड़ा रसोई का बजट, गरीब-मध्यमवर्गीय परिवार परेशान

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आगरा। आजादी के बाद 75 वर्ष में पहली बार अनाज एवं अनब्रांडेड खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी लागू कर दिया गया। ऐसे में आटा, चावल, मैदा, सूजी, दही आदि महंगे होने पर लोगों में गुस्सा है।

अब चावल, आटा, गेहूं, मैदा, सूजी, दही, छाछ, लस्सी सहित अन्य प्री-पैक्ड अनाज, बीज आदि पर 5 प्रतिशत जीएसटी लागू कर दिया गया। सरकार के इस कदम से सबसे ज्यादा असर प्रतिदिन कमाने व खाने वाले पर पड़ा है। क्योंकि मजदूर व गरीब वर्ग ही प्रतिदिन एक या दो किलो आटा दाल व चावल खरीदता और अब उसे इस खरीद पर 5 प्रतिशत टैक्स देना होगा। सरकार के इस कदम पर विपक्ष ने निशाना साधते हुए कहा कि ‘सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाली मोदी सरकार ने आखिरकार वह कर दिखाया है जो 75 साल में केंद्र में रहते हुए विपक्ष की सरकारों ने नहीं किया। मोदी सरकार ने गरीब तबके को बहुत बड़ा झटका दिया है।’

रसोई का बिगड़ा बजट

केंद्र सरकार के इस निर्णय से हर घर का बजट पूरी तरह से बिगड़ गया है। घरेलू गैस सिलेंडर के दाम आसमान छू रहे हैं और अब आटा, चावल और दाल के दाम बढ़ने से उपभोक्ताओं पर महंगाई की मार और बढ़ गयी है। घरेलू महिलाएं सरकार के इस कदम के खिलाफत में उतर आई है। उनका कहना है कि सरकार के निशाने पर इस समय आम व्यक्ति नजर आ रहा है। पहले सिलेंडर को महंगा किया और अब आटा दाल चावल और अनपढ़ खाद्य सामग्री पर 5% जीएसटी लगाकर उन्हें महंगाई की चपेट में ले आए हैं। इस महंगाई से रसोई का बजट पूरी तरह से बिगड़ गया है। घर संभाल पाना अब मुश्किल हो रहा है।

फ्लोर मिल संचालको के अनुसार वर्तमान में गेहूं के आटा का दाम 2600 रुपए प्रति क्विंटल चल रहे हैं। 5 प्रतिशत जीएसटी लगने के बाद उपभोक्ताओं को 2730 रुपए प्रति क्विंटल मिलेगा। राइस मिल संचालकों के अनुसार वर्तमान में वनस्पति चावल 8 हजार से 9500 रुपए प्रति क्विंटल है। जीएसटी लागू होने के बाद इसके दाम बढ़कर 8400 से 8475 रुपए प्रति क्विंटल हो जाएंगे। इसी तरह दाल, मैदा सहित अन्य खाद्य वस्तुओं के दाम में भी इजाफा हो जाएगा।

जीएसटी लगाकर बेचना पड़ेगा

व्यापारियों के अनुसार आजादी के बाद देश में पहली बार अनाज सहित अन्य खाद्य पदार्थों पर टैक्स लगाया गया है। इससे पहले कभी भी दाल, चावल, आटा, गेहूं, मैदा, सूजी पर टैक्स नहीं लगा था। खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी लागू होने से सबसे ज्यादा गरीब व्यक्ति की जेब पर मार पड़ने वाली है। क्योंकि अब उसे घर की व्यवस्थाओं के साथ-साथ टैक्स के लिए भी अलग से इंतजाम करना पड़ेगा। व्यापारियों का कहना है कि जो माल जीएसटी लग कर उन्हें प्राप्त होगा तो वह उसी अनुसार ग्राहकों को दे पाएंगे। उन्हें सामान महंगा मिलेगा तो वह भी सामान महंगा ही बेचेंगे।

उपभोक्ताओं के सवाल

आम उपभोक्ता का कहना है कि जीएसटी का असर जरूर पड़ेगा लेकिन कई सवाल भी हैं कि चक्की से आटा खरीदने पर भी उस पर भी अब टैक्स चुकाना होगा? आटे की बंद पैकिंग थैली खरीदने पर 5 प्रतिशत टैक्स देना होगा। 25 किलो की थैली के पहले 650 रुपए लगते थे अब 682.5 रुपए देने होंगे। आटे की थैली खरीदने पर दुकानदार पक्का बिल नहीं देता है तो भी क्या टैक्स लगेगा? दुकानदार जीएसटी लगाकर ही अब आटे के नए दाम तय करेंगे। ऐसे में आप पक्का बिल अवश्य प्राप्त करें। मिल से चावल या दाल खरीदने पर भी क्या जीएसटी लगेगी? सभी मिल संचालक अपनी फर्म के नाम से पैकिंग में ही चावल और दाल देते हैं। सभी पर टैक्स लगेगा। अगर गेहूं भी बंद पैकिंग में खरीदेंगे तो भी 5 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करना होगा।

विपक्ष ने साधा निशाना

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता हाजी जमील उद्दीन का कहना है कि आज हम आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। सभी लोग आजादी के जश्न में डूबे हुए हैं लेकिन सरकार ने आजादी के जश्न मनाने के साथ-साथ गरीबों को बहुत बड़ा झटका दिया है। केंद्र सरकार का नारा था कि गरीबी हटाओ लेकिन अब सरकार ने अपना नारा बदल दिया है। गरीबों को हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसलिए तो प्रतिदिन कमाने और खाने वाले व्यक्ति की खाद्य सामग्री पर 5% टैक्स लगा दिया है। अगर मजदूर वर्ग प्रतिदिन 1 किलो दाल चावल आटा खरीदना है तो उसे 5% टैक्स जरूर देना होगा।

हाजी जमील उद्दीन कुरैशी का कहना है कि मोदी सरकार से पहले भी कई सरकार यहां रही। उन्होंने कभी इस तरह का कदम नहीं उठाया लेकिन इस सरकार ने तो ऐसा कर दिया जो कभी किसी ने सोचा भी नहीं था। इसकी जितनी निंदा की जाए उतना कम है।