आगरा जिला अस्पताल की चिकित्सा सुविधा कभी भी हो सकती है ठप, बिना वेतन के काम करने को मजबूर आउटसोर्सिंग कर्मचारी

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आगरा के जिला अस्पताल की चिकित्सीय सुविधाओं पर कभी भी ग्रहण लग सकता है। जिला अस्पताल में कार्यरत डाटा पावर कंपनी से लगे कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है। वेतन न मिलने से यह कर्मचारी काफी परेशान है और कभी भी अपनी सेवाएं छोड़ सकते हैं। अगर इन कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ी तो जिला अस्पताल की चिकित्सीय व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो जाएगी।

बिना वेतन के काम करने को मजबूर

जानकारी के मुताबिक लगभग 56 कर्मचारी आगरा के जिला अस्पताल में डाटा कंपनी द्वारा अप्पोइन्ट किये गए है। इनमें स्टाफ, नर्स, वार्ड बॉय के साथ-साथ कई तकनीकी कर्मचारी भी हैं जो पैथोलॉजी और एक्स-रे विभाग में भी तैनात है। इन सभी कर्मचारियों को लगभग ढाई महीने से सैलरी नहीं मिली है जिसके चलते यह कर्मचारी खासा परेशान नजर आ रहे हैं। इस समय यह कर्मचारी बिना वेतन के काम करने को मजबूर हो रहे हैं क्योंकि जोब मिलना आसान नहीं होता लेकिन बड़ा सवाल यह है कि वह कब तक बिना वेतन के काम करेंगे। कंपनी द्वारा वेतन न दिए जाने पर यह कर्मचारी जॉब छोड़ने का भी मन बना सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो जिला अस्पताल पर भारी संकट आ पड़ेगा।

इस समय डाटा पावर के कर्मचारी मानसिक और आर्थिक दोनों रूप से पीड़ित नजर आ रहे हैं। वेतन न मिलने से परिवार के भरण पोषण का सकंट मंडरा रहा है। वहीँ परिवार को कैसे चलाया जाएगा यह कारण उन्हें मानसिक रूप से पीड़ा दे रहा है।

सीएमएस अनीता शर्मा का कहना है कि इस संबंध में उन्होंने उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया है। लगातार वह लखनऊ और स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के संपर्क में है और इस समस्या से बार-बार अवगत भी कर रही हैं लेकिन उनका कहना है कि उन्हें सिर्फ एक ही जवाब मिलता है कि उनके पहुंच से यह समस्या है जिसका वह समाधान कर सकते हैं। अगर वह जीएसटी नहीं भरेंगे तो उनका पैसा रिलीज भी नहीं होगा।

सीएमएस अनीता शर्मा ने बताया कि उच्च अधिकारियों ने उन्हें बताया कि डाटा पावर कंपनी का जीएसटी रजिस्ट्रेशन कैंसिल हो गया है क्योंकि उन्होंने कई महीनो से अपना जीएसटी जमा नहीं कराया है। इसीलिए जीएसटी विभाग की ओर से उनका पंजीकरण रद्द कर दिया गया है। जब तक वह जीएसटी नहीं भरेंगे और अपना पंजीकरण रिन्युअल नहीं कराएंगे तब तक लखनऊ से किसी भी प्रकार की मदद नहीं हो पाएगी।सीएमएस यह भी बताया कि उनके लिए बड़ी समस्या यह है कि डाटा पावर उनसे जीएसटी का पैसा लेती रही और उसने जीएसटी जमा भी नहीं कराया।