मां बनने के बाद स्‍मार्ट मॉम बनना है बहुत चुनौतीपूर्ण काम

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मां बनने के बाद स्‍मार्ट मॉम बनना बहुत चुनौतीपूर्ण काम है। इसके लिए आपमें कुछ खूबियां होना जरूरी हैं। अगर आप अपने बच्‍चे की स्‍मार्ट मॉम बनना चाहती हैं तो आपमें भी ये खूबियां होना जरूरी हैं।

दुनिया में मां को भगवान का दर्जा दिया गया है। भगवान हर जगह हमारे लिए नहीं हो सकते इसलिए उन्‍होंने मां को बनाया। मां होना भी कोई आसान बात नहीं है। खुद को पीछे छोड़कर अपने बच्‍चों के बारे में सोचना पड़ता है और उन्‍हें अच्‍छी परवरिश देने के लिए न जाने कितने ही त्‍याग करने पड़ते हैं।

अगर मां में अच्‍छी खूबियां होंगीं तो जाहिर सी बात है कि उनके बच्‍चों को भी अच्‍छी परवरिश मिलेगी। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि जिन बच्‍चों को अपने परिवार या मां से अच्‍छी परवरिश मिलती है, उन मांओं में क्‍या खूबियां होती हैं या अपने बच्‍चे को अच्‍छे संस्‍कार देने के लिए मां में क्‍या खूबियां होनी चाहिए

मल्‍टीटास्किंग की गुरु

आप अपने बच्‍चे को तभी अच्‍छी तरह से संभाल सकती हैं जब आपमें एक साथ कई काम करने का हुनर हो। मां को पता होता है कि कैसे उन्‍हें अपने बच्‍चे के हर काम को संभालना है और उसके साथ ही घर के कामों को भी तवज्‍जो देनी है। वो बच्‍चों के साथ टीवी तो देखती ही हैं साथ होमवर्क में भी उनकी मदद करती हैं

परफेक्‍शनिस्‍ट की दौड़

साफ-सफाई का ध्‍यान रखना तो बहुत जरूरी है लेकिन अक्‍सर कुछ लोग इस मामले में सनकी हो जाते हैं और जरा सा गंदा करने पर बच्‍चों के ऊपर चिल्‍लाने लगते हैं। परफैक्‍ट मॉम ऐसा नहीं करती हैं। उन्‍हें पता है कि कब और कैसे क्‍या साफ करना है।

इन्‍हें अपने बच्‍चों के लिए उनकी पसंद का खाना तो बनाना है लेकिन किसी मास्‍टरशेफ की तरह नहीं। ये परफेक्‍शनिस्‍ट की दौड़ में हिस्‍सा नहीं लेती हैं।

बच्‍चों को काम सिखाना

जो मांएं अपने बच्‍चों को अच्‍छी परवरिश देने की ख्‍वाहिश रखती हैं, वो हर काम का बोझ अपने कंधों पर नहीं लेती हैं और न ही अपने पति या घर के बाकी सदस्‍यों की मदद लेने से हिचकिचाती हैं। अधिकतर मांएं हर काम को खुद करना चाहती हैं, अब इसे परफैक्‍ट मां बनने की होड़ कह लें या बच्‍चों की ज्‍यादा केयर करने की आदत।

लेकिन स्‍मार्ट मॉम की बात करें तो वो अपने बच्‍चों को भी घर के छोटे-मोटे काम करना सिखाती हैं। इससे बच्‍चे भी घर का काम करना सीखते हैं और मांओं का बोझ भी कम हो जाता है।

टाइट शेड्यूल का पालन

हम सभी काम को समय पर पूरा करने के लिए शेड्यूल बनाते हैं और जब तक काम पूरा नहीं हो जाता तो शायद चैन की सांस तक नहीं लेते हैं। हालांकि, स्‍मार्ट मॉम ऐसा नहीं करती हैं। वो शेड्यूल तो बनाती हैं लेकिन कभी-कभी ज्‍यादा जरूरी कामों के लिए शेड्यूल को साइड रखने का गुण भी जानती हैं।

वहीं, बीमार होने पर काम करने की बजाय वो अपने बच्‍चों के साथ समय बिताना और कुछ गैर-जरूरी कामों को टाल देना ज्‍यादा पसंद करती हैं।

खुद के लिए समय निकालना

ये काम तो शायद हर औरत के लिए मुश्किल है। हम सभी जानते हैं कि औरतों को मुश्किल ही अपने लिए समय मिल पाता है। ले‍किन स्‍मार्ट मॉम के साथ ऐसा नहीं है। वो घर की जिम्‍मेदारियों और अपने बच्‍चों के साथ-साथ खुद को भी बराबर का महत्‍व देती हैं। अपने अंदर की एनर्जी को रिचार्ज करने के लिए योग करना हो या फिर खूबसूरती को निखारने के लिए ब्‍यूटी ट्रीटमेंट लेना हो।

-एजेंसियां