बंगला खाली करने के नोटिस पर AAP नेता राघव चड्ढा को कोर्ट से नहीं मिली राहत

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वहीं, आम आदमी पार्टी के पंजाब से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने अपने सरकारी आवास को लेकर विवाद पर कहा है कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.

राज्यसभा सचिवालय ने राघव चड्ढा को टाइप-7 बंगला खाली करने का आदेश दिया था जिसके ख़िलाफ़ वो अदालत चले गए थे. अब अदालत से भी उन्हें झटका लगा है.

इस मामले पर एक बयान जारी करते हुए राघव चड्ढा ने कहा है, “नियमानुसार मुझे आवंटित किए गए आधिकारिक आवास को बिना किसी सूचना के रद्द किया गया है, जो मनमाने रवैये को दर्शाता है. राज्यसभा के 70 से अधिक वर्षों के इतिहास में यह अप्रत्याशित घटना है कि एक मौजूदा राज्यसभा सदस्य को उसके आवंटित आवास से बेदखल करने की कोशिश की जा रही है, जहां वो पिछले कुछ समय से रह रहा है और बतौर राज्यसभा सदस्य उसका कार्यकाल 4 साल से अधिक अभी भी बाकी है.”

पटियाला हाउस कोर्ट ने राज्यसभा सचिवालय के राघव चड्ढा को बंगला खाली करने के नोटिस को सही ठहराते हुए अदालत ने कहा है कि “राघव ये दावा नहीं कर सकते हैं कि उन्हें पूरे कार्यकाल के दौरान आवास पर क़ब्ज़ा रखने का अधिकार है.”

सचिवालय ने मार्च में राघव चड्ढा को बंगला खाली करने का नोटिस दिया था. जिसके बाद वो अदालत चले गए थे जहां से उन्हें अंतरिम राहत मिली थी. इस अंतरिम राहत को अब हटा दिया गया है.

चड्ढा ने कहा है, “इस पूरी कवायद के तरीके को देखकर मुझे ये मानने के लिए विवश होना पड़ रहा है कि ये सब भाजपा के आदेश पर अपने राजनीतिक उद्देश्यों और निजी स्वार्थों के लिए किया गया है, ताकि मेरे जैसे मुखर सांसदों द्वारा उठाई जा रही राजनीतिक आलोचना को दबाया जा सके.”

राघव चड्ढा ने संसद से अपने निलंबन का ज़िक्र करते हुए कहा, “इसी बीच संसद से मेरा निलंबन भी कर दिया गया. यह सब सत्ता पक्ष के इशारे पर मुखर सांसदों को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा है.”

चड्ढा ने कहा, “दिलचस्प बात यह है कि 240 में से लगभग 118 राज्यसभा सदस्य अपनी पात्रता से उच्च श्रेणी के आवास में रह रहे हैं लेकिन भाजपा से सवाल पूछने वाले और स्वस्थ लोकतंत्र को बनाए रखने वाले मुखर सांसदों को चुनिंदा तरीके से निशाना बनाना जा रहा है. मेरे मामले में भी ऐसा ही हुआ और यह एक चिंताजनक स्थिति है.”

चड्ढा ने कहा, “ट्रायल कोर्ट ने शुरू में मेरी याचिका स्वीकार कर ली थी और मुझे अंतरिम राहत दी थी. कोर्ट ने अब मेरे मामले को कानूनी पेचीदगियों पर पहुंचा दिया है, जिसके बारे में मुझे कानूनी रूप से सलाह दी गई है कि यह कानून की गलत समझ पर आधारित है. मैं उचित समय पर कानून के तहत उचित कार्रवाई करूंगा.”

Compiled: up18 News