लंबा जीवन जीने में मददगार है आपकी पॉजिटिव सोच

Life Style

क्या आप भी हर चीज में नकारात्मक सोच रखते हैं तो आज ही अपना नजरिया बदल दें। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अगर आप किसी भी घटना को आशावादी दृष्टिकोण यानी पॉजिटिव ऐंग्ल से सोचना शुरू कर दें तो आपकी उम्र बढ़ सकती है और आपका जीवन लंबा हो सकता है।

अमेरिका का बॉस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिकों की मानें तो अगर आपका जीवन जीने का दृष्टिकोण आशावादी है तो आप 85 साल या इससे अधिक उम्र तक जी सकते हैं।

कहने का मतलब यह है कि जीवन को आशावादी तरीके से यानी पॉजिटिव सोच के साथ जीना शुरू कर दें तो इससे न सिर्फ आपकी समस्याओं का आसानी से निपटारा हो जाएगा बाल्कि आपकी उम्र भी लंबी होगी और आप लंबा जीवन जी पाएंगे।

70 हजार महिलाओं पर की गई यह खास स्टडी

प्रोसिडिंग्स ऑफ द नेशनल अकैडमी ऑफ साइंसेज नाम के जर्नल में प्रकाशित इस नई स्टडी में नर्सेज हेल्थ स्टडी की 69 हजार 744 महिलाओं और वेटरन्स अफेयर्स नॉर्मेटिव एजिंग स्टडी के 1 हजार 429 पुरुषों को शामिल किया गया। महिलाओं की उम्र 58 से 86 के बीच थी जब उन्होंने साल 2004 में ऑप्टिमिज्म असेस्मेंट को पूरा किया। पुरुषों की औसत उम्र 41 से 90 साल के बीच थी जब उन्होंने साल 1986 में ऑप्टिमिज्म असेस्मेंट को पूरा किया।

पॉजिटिव सोच से 15 प्रतिशत तक बढ़ती है उम्र

जब अनुसंधानकर्ताओं ने स्टडी में शामिल पार्टिसिपेंट्स के ऑप्टिमिज्म यानी आशावादी दृष्टिकोण की जांच की तो पता चला कि वैसी महिलाएं और पुरुष जिनका जीवन जीने का नजरिया ज्यादा सकारात्मक यानी पॉजिटिव था उनकी उम्र में 11 से 15 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हुई।

इतना ही नहीं, आशावादी लोगों के 85 साल की उम्र तक जीने की संभावना 50 से 70 प्रतिशत तक अधिक थी, उन लोगों की तुलना में जो बेहद कम आशावादी थे।

लंबा जीवन जीने में मददगार है आपकी पॉजिटिव सोच

बॉस्टन यूनिवर्सिटी में साइकायट्री की असिस्टेंट प्रफेसर ल्युविना ली कहती हैं, हालांकि रिसर्च में समय से पहले मौत होने के लिए कई रिस्क फैक्टर्स सामने आए हैं, लेकिन हम पॉजिटिव साइकोसोशल फैक्टर्स के बारे में बहुत कम जानते हैं जिससे हेल्दी एजिंग को प्रमोट किया जा सकता है। इस स्टडी के जरिए यह बात सामने आयी है कि ऑप्टिमिज्म यानी आशावादी दृष्टिकोण के जरिए इंसान की जीवन जीने की उम्र को बढ़ाया जा सकता है।

-एजेंसियां