प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सोमवती अमावस्या के मौके पर श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। सोमवार को सुबह से ही गंगा, यमुना और संगम में भी पवित्र स्नान के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। कई श्रद्धालुओं ने सूर्योदय से पहले स्नान किया। सूरज उगने के बाद संगम में स्नान करने वाले लोगों की संख्या बढ़ने लगी। प्रयागराज में संगम घाट के अलावा रामघाट, दारागंज, अक्षयवट, फाफामऊ में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई।
इसके अलावा यमुना घाट पर भी स्नानार्थियों का जमावड़ा लगा रहा। गऊघाट, सरस्वती घाट और ककहरा घाट पर व्रती महिलाओं ने स्नान किया और सूरज को अर्घ्य दिया। इसके बाद उन्होंने दान और पूजन के साथ पीपल के पेड़ की भी पूजा की। व्रती महिलाओं के अलावा अन्य लोगों ने भी संगम घाट पर स्नान किया। मान्यता है कि सोमवती अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान करने से मानसिक, आर्थिक और शारीरिक बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
हिंदू मान्यता के मुताबिक हर साल मार्गशीर्ष महीने की अमावस्या को सोमवती अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। इस दिन स्नान के बाद पीपल के वृक्ष की पूजा का विधान है। इस दिन पितरों का श्राद्ध करने की भी परंपरा है। ऐसे में कई लोगों ने संगम घाट पर स्नान करने के बाद अपने पितरों का श्राद्ध किया। माना जाता है कि सोमवती अमावस्या पर स्नान-श्राद्ध करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
-एजेंसियां
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