पैनिक अटैक से एकदम अलग होता है एंग्जाइटी अटैक

Health

आपने Anxiety के बारे में तो खूब सुना होगा लेकिन यह नहीं जानते होंगे कि नजरअंदाज किए जाने पर यह डिप्रेशन और Anxiety अटैक का भी रूप ले सकती है। Anxiety किसी को भी किसी भी चीज से हो सकती है। कुछ लोगों को पब्लिक के बीच में बोलने को लेकर Anxiety यानी टेंशन हो जाती है तो बच्चों को परीक्षा को लेकर ऐंग्जाइटी हो जाती है।

आमतौर पर हम Anxiety को उतनी गंभीरता से नहीं लेते जितनी जरूरत है। यही वजह है कि आजकल युवाओं के बीच एंग्जाइटी डिसऑर्डर के मामले बढ़ रहे हैं। सिर्फ युवा ही नहीं बल्कि अब तो बच्चों में भी एंग्जाइटी के लक्षण काफी आम हैं। बच्चों में ऐसे लक्षणों को मोटे तौर पर चिंता या फिर उतावलेपन का नाम दे दिया जाता है।

Anxiety अटैक

एंग्जाइटी को इग्नोर किया जाए तो यह एंग्जाइटी अटैक का रूप ले सकता है। यह वह स्थिति है जिसमें व्यक्ति को हर वक्त इस बात का डर लगा रहता है कि कुछ गलत होने वाला है। यह पैनिक अटैक से एकदम अलग होता है। पैनिक अटैक के लक्षण एंग्जाइटी अटैक की तुलना में ज्यादा घातक होते हैं। एंग्जाइटी अटैक में व्यक्ति को हर समय चिंता, डर और बेचैनी महसूस होती है। दिल की धड़कन तेज हो जाती है और सांस फूलने लगती है इसलिए एंग्जाइटी को हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

Anxiety के लक्षण

एंग्जाइटी से पीड़ित व्यक्ति टेंशन और डर में तो रहता ही है, इसके अलावा वह खुद को अन्य लोगों से काट लेता है। वह अकेला रहना पसंद करता है और उन्हीं बातों के बारे में ज्यादा सोचता है जो उसे दुख देती हैं।

सांस फूलने और दिल की धड़कन बढ़ने के अलावा एंग्जाइटी के शिकार व्यक्ति को नींद नहीं आती और वह रातभर जागता रहता है।

हर वक्त उस मन में नकारात्मक ख्याल ही चलते रहते हैं।

सिर में दर्द होने लगता है और किसी भी काम में मन नहीं लगता।

डायरिया हो जाता है और कई बार तो उबकाइयां आने लगती हैं।

मुंह सूखने लगता है और व्यक्ति बेहोश हो जाता है।

जो लोग Anxiety डिसऑर्डर हैं, उन्हें अपनी कुछ आदतें बदलने की जरूरत है। जैसे कि:

अगर बहुत ज्यादा कॉफी पीने के शौकीन हैं तो इसे कम कर दें। ज्यादा कैफीन पीने से हार्टबीट बढ़ जाती है और यह व्यक्ति को नर्वस फील करा सकती है। अत्यधिक कॉफी पीने से कई समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि हथेलियों में पसीना आना, कान बजना और बहुत तेज दिल धड़कना आदि।

अनियमित खान-पान से भी ऐंग्जाइटी की समस्या गंभीर रूप ले सकती है। कई लोग सुबह का नाश्ता छोड़ देते हैं या फिर दिनभर कुछ नहीं खाते। बिना कुछ खाए सो जाते हैं या कुछ जंक फूड खाकर सो जाते हैं। ये सब आदतें शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को तो कमजोर बनाती ही हैं, साथ ही एंग्जाइटी के स्तर को और बढ़ावा देती हैं। भूखे रहने से स्ट्रेस लेवल बढ़ जाता है और ब्लड शुगर का स्तर गिर जाता है। इससे Anxiety हो जाती है।

Anxiety से ग्रस्त कई लोग देर रात तक नहीं सोते और तनाव को अपने ऊपर और हावी होने देते हैं। यह बढ़ता हुआ तनाव उनकी बची-खुची नींद भी ले उड़ता है। फिर यह तनाव दिन में भी आपका पीछा नहीं छोड़ता इसलिए देर रात तक खुद को न जगाएं। एक दिनचर्या बना लें और कोशिश करें जितनी जल्दी हो सके, बिस्तर पर चले जाएं।

-एजेंसियां