आंखों पर भी बुरा असर डालती हैं अल्ट्रावायलट किरणें

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गर्मी में सूरज से निकलने वाली हानिकारक अल्ट्रावायलट किरणें शरीर के साथ आंखों पर भी बुरा असर डालती हैं। गर्म मौसम में जब आप घर से निकलते हैं तब इन हानिकारक UV किरणों से आंखों को बचाना बेहद जरूरी है। इन किरणों के संपर्क में आने से और धूप में ज्यादा देर रहने से आंखों में ऐलर्जिक रिऐक्शन हो सकता है। दरअसल, आंखों को दिमाग से जोड़ने वाली बारीक शिराएं आंखों की त्वचा के बहुत नजदीक होती हैं इसलिए ज्यादा देर धूप में रहने से आंखों को नुकसान पहुंचता है।

रिऐक्शन के लक्षण

– आंखों में जलन होना
– आंखें लाल हो जाना
– आंखों से पानी आना
– आंखों में चुभन होना
– कंजंक्टिवाइटिस रोग

ठंडे पानी से आंखें धोएं

धूप से लौटने के बाद शरीर का तापमान बढ़ जाता है इसलिए पहले शरीर को धीरे-धीरे सामान्य तापमान पर आने दें। इसके लिए पंखे के नीचे पांच मिनट तक बैठ जाएं। इसके बाद ठंडे पानी से चेहरे और आंखों को अच्छी तरह धोएं। आंखों पर ठंडे पानी के छींटे मारें और फिर मुलायम तौलिये से चेहरा पोछें। अगर आंखों में जलन ज्यादा है और आंखें लाल हैं तो बर्फ से आंखों की सिंकाई करें।

आंखों को रगड़े नहीं

आंखों में चुभन हो, जलन हो या कोई धूल कण चला जाए तो कुछ लोग फौरन ही आंखों को रगड़ने लगते हैं। ऐसा करने से आंखों को कई तरह के नुकसान होते हैं लिहाजा ऐसा कभी न करें। अगर आंखों में किसी तरह की दिक्कत हो तो साफ रुमाल या कपड़े से इसे हल्के हाथों से सहलाएं और ठंडे पानी से धोएं।

सनग्लासेज लगाएं

धूप का चश्मा सूरज से निकलने वाली घातक UV किरणों से आंखों की रेटीना को बचाने का काम करता है। तेज धूप के कारण आंखों की रोशनी पर प्रतिकूल असर पड़ने के साथ ही धूल के कण रेटिना को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा तेज धूप में UV किरणों से आंखों के ऊपर बनी टीयर सेल यानी आंसूओं की परत टूटने या क्षतिग्रस्त होने लगती है। यह स्थिति कॉर्निया के लिए हानिकारक हो सकती है। आंखों के कॉर्निया को भी यूवी किरणों से उतना ही नुकसान पहुंचता है जितना रेटीना को। लिहाजा धूप में निकलते वक्त सनग्लासेज पहनने से इस परेशानी से बचा जा सकता है।

-एजेंसी