दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित नोबेल शांति पुरस्कार का ऐलान हो गया है। भारत से फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर और प्रतीक सिन्हा इस दौड़ में शामिल थे लेकिन दोनों में से किसी को भी नोबल पुरस्कार नहीं मिला है। नॉर्वे की नोबेल कमेटी ने 2022 में शांति पुरस्कार के लिए बेलारूस के मानवाधिकार अधिवक्ता एलेस बालियात्स्की (Ales Bialiatski) का नाम चुना है। इसके साथ ही रूसी मानवाधिकार संगठन मेमोरियल और यूक्रेनी मानवाधिकार संगठन सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज को यह पुरस्कार मिला है।
भारत के प्रतीक सिन्हा और मोहम्मद जुबैर के अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन, म्यांमार की राष्ट्रीय एकता सरकार, बेलारूस की विपक्षी नेता सवितलाना भी इस पुरस्कार की दौड़ में शामिल थे।
नोबेल शांति पुरस्कार की स्थापना 1895 में स्वीडन के केमिस्ट अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर शुरू किया गया था। अल्फ्रेड नोबेल ने डयनामाइट की खोज की थी। नोबेल शांति पुरस्कार दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान माना जाता है। मानवता के लिए काम करने वालों को यह पुरस्कार दिया जाता है।
-एजेंसी
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