विश्व बैंक को इस वित्त वर्ष भारत की विकास दर आठ प्रतिशत रहने का अनुमान

Business

विश्व बैंक ने भारत की विकास दर के इस वित्त वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च) में आठ प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष (2023-24) में 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है लेकिन विश्व बैंक के इस अनुमान पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं क्‍योंकि उसने आर्थिक बदहाली से जूझ रहे श्रीलंका और पाकिस्तान के ग्रोथ अनुमान को बढ़ा दिया है. श्रीलंका अपनी आजादी के बाद से सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. देश में विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म हो गया है और जरूरी चीजों की भारी किल्लत हो गई है.

इसके बावजूद विश्व बैंक ने 2022 के लिए उसके ग्रोथ अनुमान को 2.1 फीसदी से बढ़ाकर 2.4 फीसदी कर दिया है. इसी तरह जून में खत्म होने वाले मौजूदा वित्त वर्ष के लिए पाकिस्तान के ग्रोथ अनुमान को 3.4 फीसदी से बढ़ाकर 4.3 फीसदी कर दिया गया है.

विश्व बैंक ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट साउथ एशिया इकॉनमिक फ़ोकस रिशेपिंग नॉर्म्स: ए न्यू वे फॉरवर्ड में लगाया है. ये रिपोर्ट बुधवार को जारी हुई है.

भारत के पिछले वित्त वर्ष में 8.3 प्रतिशत की दर से विकास करने का अनुमान लगाया गया था. इससे पहले कोविड-19 महामारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था 6.6 प्रतिशत विकास दर तक सिमट गई थी.

वहीं, दक्षिण एशियाई क्षेत्र के लिए वृद्धि अनुमान से धीमी गति से होने की उम्मीद है. इसमें एक प्रतिशत की कमी आ सकती है. वृद्धि दर 2022 में 6.6 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
इसकी वजह है रूस और यूक्रेन युद्ध, जिसने दक्षिण एशियाई क्षेत्र में कारोबार और स्थिरता पर प्रभाव डाला है. इन इलाक़ों में वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हुई है और महंगाई भी बढ़ी है.

दक्षिण एशिया के लिए विश्व बैक के उपाध्यक्ष हर्टविग शेफर ने कहा, ‘‘इन चुनौतियों को देखते हुए सरकार को मौद्रिक और वित्तीय नीतियों की ध्यानपूर्वक योजना बनाने की ज़रूरत है ताकि बाहरी झटकों से बचा जा सके.’’

-एजेंसियां