मथुरा: हॉग डियर को वाइल्डलाइफ एसओएस ने बचाया, यूनिट के अस्पताल में चल रहा उपचार

Press Release

घायल हॉग डियर का वाइल्डलाइफ एसओएस के अस्पताल में चल रहा उपचार

भारतीय हॉग डियर (हिरण) को वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने बचाया, जिसे गिन्नी फिलामेंट्स लिमिटेड में कुत्तों द्वारा घायल कर दिया गया था। गिन्नी फिलामेंट्स लिमिटेड मथुरा के छाता में स्थित एक टेक्सटाइल मिल है। हिरण को पीछे के दोनों पैरों में चोटें आई हैं, जिसका वर्तमान में वाइल्डलाइफ एसओएस की ट्रांजिट सुविधा में उपचार चल रहा है।

वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट को मथुरा वन विभाग से उनकी हेल्पलाइन पर एक हिरण के बारे में कॉल प्राप्त हुई। मथुरा के छाता में गिन्नी फिलामेंट्स लिमिटेड परिसर के अंदर कुत्तों के झुंड ने लाचार हिरण को घायल कर दिया था l टेक्सटाइल मिल के कर्मचारियों ने हिरण को हमले से बचाया और तुरंत घटना की सूचना वन विभाग को दी, जिन्होंने बाद में चिकित्सकीय सहायता के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस से संपर्क किया।

वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट मौके पर पहुंची और घायल जानवर को सावधानीपूर्वक इलाज के लिए एनजीओ की ट्रांजिट फैसिलिटी ले आए।

वाइल्डलाइफ एसओएस की पशु चिकित्सा सेवाओं के उप-निदेशक डॉ इलियाराजा ने कहा, “हॉग डियर नर है और उसके पीछे के दोनों पैरों में चोटें आई हैं। जानवर अत्यधिक तनाव में है और वर्तमान में चिकित्सा उपचार प्राप्त कर रहा है।”

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “भारतीय हॉग डियर एक लुप्तप्राय प्रजाति है जिसने पिछले कुछ दशकों में अपनी आबादी का एक बड़ा हिस्सा खो दिया है। यह प्रजाति आई.यू.सी.एन रेड लिस्ट में ‘लुप्तप्राय’ के रूप में सूचीबद्ध है। वे दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में पाए जाते हैं, और उनके स्थान गीले और ऊंचे घास के मैदानों से लेकर दलदली, नदी वाले क्षेत्र हैं। इन हिरणों का शिकार उनके मांस के लिए, पारंपरिक औषधि में उपयोग के लिए किया जाता है।”

इसके बाद, वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने टेडी बगिया, राम बाग में एक घर के बाथरूम से पांच फुट लंबे रॉयल स्नेक और दयाल बाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट (डी.ई.आई) परिसर के अंदर पानी की टंकी से एक वुल्फ स्नेक को भी बचाया।