भगवान गणेश जी की पूजा का विशेष दिन है विनायक चतुर्थी

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हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाता है इस दिन भगवान गणेश जी की पूजा होती है। दोपहर में गणपति बाप्पा का पूजन किया जाता है और इसके पीछे कारण ये है कि शाम को चंद्रमा देखने से मिथ्या कलंक लग सकता है। इस वजह से विनायक चतुर्थी की पूजा  दोपहर तक कर लेते हैं।

वहीं पंचांग के अनुसार इस वर्ष फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 5 मार्च यानी शनिवार को रात 08 बजकर 35 मिनट पर शुरू हो रही है। यह तिथि अगले दिन 06 मार्च को रात 09 बजकर 11 मिनट तक है। ऐसे में विनायक चतुर्थी का व्रत 6 मार्च यानी रविवार के दिन (vinayak chaturthi 2022 date) रखा जाएगा। अब हम आपको बताते हैं विनायक चतुर्थी पूजा विधि।

विनायक चतुर्थी पूजा विधि जी दरअसल पौराणिक मान्यता के अनुसार गणेश चतुर्थी की पूजा दोपहर के टाइम करने का विधान बताया गया है। ऐसे में इस दिन सुबह-सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें। वहीं उसके बाद पूजास्थल को गंगाजल से पवित्र करके पूजा प्रारंभ करें। अब इसके बाद भगवान गणेश जी को पीले फूलों की माला अर्पित करने के बाद धूप-दीप, नैवेद्य, अक्षत उनका प्रिय दूर्वा घास अर्पित करें। अब इसके बाद मिष्ठान या मोदक का भोग लगाएं। आखिरी में व्रत कथा पढ़कर गणेश जी की आरती करें।