गाजा में तत्काल युद्धविराम की मांग वाले UN में लाए गए प्रस्ताव को US ने किया वीटो

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अमेरिका के सहयोगियों ने भी इस क़दम की निंदा की है और इस पर खेद व्यक्त किया है कि युद्धविराम प्रस्ताव को अमेरिका ने ब्लॉक कर दिया.

अपने प्रस्ताव में अमेरिका ने इसराइल को चेताया है कि वह रफ़ाह में ना घुसे. इसराइल ने रफ़ाह में घुसने की बात की है और 10 मार्च तक हमास को सभी इसराइली बंधकों को छोड़ने की डेडलाइन दी है. इससे पहले भी अमेरिका संयुक्त राष्ट्र में वोट के दौरान “युद्धविराम” शब्द से परहेज करता रहा है.

15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में 13 देशों ने अल्जीरिया के प्रस्ताव का समर्थन किया जबकि ब्रिटेन ने वोटिंग की प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया.

अमेरिका ने इस प्रस्ताव को वीटो किया और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफ़ील्ड ने कहा कि अभी हमास और इसराइल के बीच बातचीत चल रही है और ऐसे में ये तत्काल युद्धविराम का आह्वान करने का सही समय नहीं था.

जो प्रस्ताव अमेरिका ने लाया है उसमें अस्थायी युद्धविराम ‘जितना जल्दी संभव हो उतनी जल्दी’ लागू करने और इसराइली बंधकों को छोड़ने की शर्त पर बात की गई है. साथ ही ये भी कहा गया है कि गाजा पहुंच रही सहायता पर हर तरह की रोक हटाई जाए.

हालांकि ये साफ़ नहीं है कि सुरक्षा परिषद अमेरिका के इस प्रस्ताव पर वोट करेगा या नहीं ख़ास कर जिस तरह के शब्दों का चयन अमेरिका की ओर से किया गया है, उसके बाद ये संशय बना हुआ है.

अमेरिका के अल्जीरिया के युद्धविराम प्रस्ताव को वीटो करने के बाद, संयुक्त राष्ट्र में उत्तरी अफ्रीकी देश के दूत ने कहा कि इससे “फ़लस्तीनीयों को एक कड़ा संदेश जाएगा” और पता चलेगा कि “दुर्भाग्य से सुरक्षा परिषद एक बार फिर फेल हो हो गई.”

अमेरिकी फ़ैसले की चीन ने की निंदा

ग़ज़ा में तुरंत संघर्षविराम लागू करने के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आए प्रस्ताव पर अमेरिका के वीटो के बाद चीन का बयान आया है.

चीन ने अमेरिका के इस क़दम की निंदा करते हुए कहा है कि यह क़दम ‘ग़लत संदेश’ देगा. चीन ने कहा है कि इस क़दम से ‘जारी मार-काट को हरी झंडी मिलेगी.’

व्हाइट हाउस ने तर्क दिया है कि अल्जीरिया की ओर से पेश किया गया प्रस्ताव युद्ध के लिए जारी बातचीत को ‘ख़तरे में डाल देगा.’

वहीं अमेरिका ने अपना प्रस्ताव दिया है जो कि एक अस्थायी संघर्षविराम लागू करेगा, इसमें इसराइल को चेतावनी दी गई है कि वो रफ़ाह शहर पर हमला न करे.

वीटो के फ़ैसले पर चीन के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत ज़ांग जुन ने कहा है कि ये प्रस्ताव जारी बातचीत में ख़लल डालेगा ऐसे दावे करना ‘पूरी तरह अपुष्ट’ हैं.

उन्होंने कहा, “ज़मीनी स्थिति को देखते हुए, युद्धविराम को नज़रअंदाज़ करना जारी जनसंहार को हरी झंडी दिखाने से अलग कुछ नहीं है.”

“संघर्ष का लगातार फैलना पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र को अस्थिर कर रहा है और युद्ध के विस्तार के ख़तरे को बढ़ा रहा है.”

-एजेंसी