आगरा: जिला अस्पताल में डीजी हेल्थ से आये एक पत्र को लेकर हंगामा, एक घंटे तक परेशान होते रह मरीज, नहीं बने पर्चे

स्थानीय समाचार

आगरा: मंगलवार को जिला अस्पताल में हंगामा हुआ। पर्चा काउंटर लगभग एक घंटे तक बंद भी रहा। हंगामा करते हुए कंप्यूटर ऑपरेटर सीएमएस के ऑफिस पहुंचे। उन्हें अपनी समस्या बताई। सैलरी की मांग की। बाद में सीएमएस डॉ. एके अग्रवाल ने अधीनस्थ कर्मचारियों को लगाया। तब मरीजों के पर्चे बन सके।

एक पत्र ने उड़ाए सभी के होश

दरअसल, मुख्यालय से एक पत्र आया है और उस पत्र ने सभी की नींद उड़ा रखी है। अगर उस पत्र पर कार्रवाई होती है तो पहले से ही कर्मचारियों की समस्या से जूझ रहा जिला अस्पताल में और भी ज्यादा कर्मचारियों की कमी हो जाएगी।

11 कम्प्यूटर ऑपरेटर को हटाने के है निर्देश

यह पूरा मामला कंप्यूटर ऑपरेटर से जुड़ा हुआ है। ये कर्मचारी प्रतिदिन हजारों की संख्या में जिला अस्पताल आने वाले मरीजों के पर्चे बनाते हैं। मिली जानकारी के मुताबिक डीजी हेल्थ के यहां से इन सभी कंप्यूटर ऑपरेटर को हटाने के लिए पत्र आया है। इन सबको एनएचएम के तहत जिला अस्पताल में संविदा पर नौकरी दी गई थी लेकिन स्वास्थ्य विभाग इन सभी 11 कंप्यूटर ऑपरेटर को हटाना चाहता है। इस संबंध में मुख्यालय को भी पत्र लिखा गया है और इन सब के हटने से होने वाली समस्याओं से अवगत कराया गया है।

4 महीनों से नहीं मिली है सैलरी

कंप्यूटर ऑपरेटरों को पिछले 4 महीनों से सैलरी नहीं मिली है। जितने भी कंप्यूटर ऑपरेटर हैं, उन्हें एनएचएम के तहत रखा गया था लेकिन अब उन्हें निकालने के आदेश हुए हैं जिससे घमासान मचा हुआ है। कंप्यूटर ऑपरेटरों का कहना है कि एक तो चार महीने से सैलरी नहीं मिली और ऊपर से निकाले जाने के आदेश ने उनकी समस्या और अधिक बढ़ा दी है।

ये कहा सीएमएस एके अग्रवाल ने

सीएमएस डॉ. एके अग्रवाल का कहना था कि डीजी हेल्थ के यहां से कंप्यूटर ऑपरेटरों के लिए एक पत्र मिला है और उस पत्र के माध्यम से उन्हें निकाले जाने को कहा गया है लेकिन अगर इन सभी कंप्यूटर ऑपरेटर को हटा दिया जाए तो जिला अस्पताल में काफी समस्या हो जाएगी। सारे काम इंटरनेट से संचालित हो रहे हैं और ऐसे में तकनीकी कर्मचारी ही कार्य कर सकते हैं। जितने भी कंप्यूटर ऑपरेटर हैं, वह तकनीकी रूप से सक्षम हैं। अगर उन्हें निकाल दिया जाता है तो जिला अस्पताल में मरीजों के प्रत्येक कैसे बनेंगे। इस समस्या को लेकर उन्होंने जिला अस्पताल प्रशासन की ओर से भी डीजी हेल्थ और स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा है कि इस समस्या का हल कराया जाए।