रिश्वतखोरी: ज्वाइंट ड्रग्स कंट्रोलर व सिनर्जी नेटवर्क के निदेशक गिरफ्तार

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नई दिल्‍ली। सीबीआई ने बॉयोकॉन बॉयोलाजिक्स के इंसुलिन इंजेक्शन को तीसरे चरण की ट्रॉयल से छूट देने के लिए रिश्वतखोरी के मामले में बड़ी कार्रवाई की। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने ज्वाइंट ड्रग्स कंट्रोलर एस. ईश्वरा रेड्डी को कथित तौर पर 4 लाख रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया।

बताया गया है कि यह रिश्वत बॉयोकॉन बॉयोलॉजिक्स द्वारा विकसित किए जा रहे इंसुलिन एस्पार्ट इंजेक्शन (Insulin Aspart) के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रॉयल से छूट के लिए दी जा रही थी। ये इंसुलिन इंजेक्शन टाइप 1 व टाइप 2 डायबिटीज मरीजों के लिए तैयार किया जा रहा है। सीबीआई ने सिनर्जी नेटवर्क इंडिया प्रालि. के निदेशक दिनेश दुआ को भी मामले में गिरफ्तार किया है। दुआ ने कथित तौर पर रेड्डी को रिश्वत की राशि दी थी।

कई और गिरफ्तारियां संभव

सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में कई और गिरफ्तारियां जल्द की जा सकती हैं। ईश्वरा रेड्डी केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) नई दिल्ली में पदस्थ हैं। रेड्डी व दुआ को सोमवार को जांच एजेंसी ने व्यूह रचना कर गिरफ्तार किया। उन्हें रंगे हाथों पकड़ने के बाद आवश्यक कागजी कार्रवाई की गई।

दुआ वे रेड्डी के अलावा सीबीआई ने बॉयोकॉन बॉयोलॉजिक्स लि. बेंगलुरु के एसोसिएट वाइस प्रेसीडेंट एल प्रवीण कुमार, बॉयोइनोवेट रिसर्च दिल्ली के गुलजीत सेठी, सहायक ड्रग इंस्पेक्टर अनिमेश कुमार के खिलाफ भी केस दर्ज किया है। इन सभी के खिलाफ रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में केस दर्ज किए गए हैं।

तीसरे चरण की क्लीनिकल ट्रॉयल अहम

सीबीआई अधिकारियों ने कहा है कि किसी भी दवा या इंजेक्शन की तीसरे चरण की क्लीनिकल ट्रॉयल महत्वपूर्ण होती है। इसमें कोई भी छूट का जनता के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है।

बॉयोकॉन ने किया रिश्वत के आरोपों का खंडन

उधर, बॉयाकॉन के प्रवक्ता ने रिश्वत के आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि कुछ मीडिया में चल रही इन खबरों का हम खंडन करते हैं। हमारे उत्पाद कानूनी प्रक्रिया, विज्ञान व क्लीनिकल डेटा के आधार पर तैयार किए जाते हैं। एस्पार्ट इंजेक्शन को यूरोप व कई अन्य देशों में मंजूरी प्राप्त है। कंपनी ने यह भी कहा कि उसके सारे उत्पादों की डीसीजीआई से मंजूरी मिली हुई है।

भारत में पूरी मंजूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। इस बारे में मीटिंगों का सारा रिकॉर्ड सार्वजनिक रूप से मौजूद है। हम जांच एजेंसी को पूरा सहयोग कर रहे हैं। बता दें, बॉयोकॉन किरण मजूमदार शॉ के नेतृत्व वाली बॉयोकॉन की एक सहयोगी कंपनी है।

-एजेंसी

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