कानपुर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की भांति अब उत्तरप्रदेश भी अपना राजधानी क्षेत्र विकसित करने की योजना पर काम कर रहा है। ये लखनऊ-उन्नाव-कानपुर को मिलाकर प्रदेश की राजधानी क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा जिससे कि 2051 तक राजधानी क्षेत्र की मूल जरूरतों को पूरा किया जा सके। इसके लिए एजेंसी का भी चयन हो चुका है।
लखनऊ उन्नाव कानपुर जिले को राजधानी क्षेत्र के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है। 2051 तक कमर्शियल, रेजिडेंशियल, रिंग रोड, डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर सहित अन्य जरूरतों को ध्यान में रखते हुए योजना पर काम हो रहा है। कानपुर विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष अरविंद सिंह ने यह योजना प्रस्तुत की जिसमें कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा न्यू कानपुर सिटी योजना और नॉलेज सिटी के विषय में जानकारी दी गई। उद्यमियों को भी योजना में जगह दी गई है। चकेरी के पास लॉजिस्टिक एंड हॉस्पिटैलिटी हब बनाने की योजना है। इस संबंध में जानकारी दी गई कि ट्रेक्टेबल इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड को शहर के विकास की कार्य योजना बनाने की जिम्मेदारी दी गई है।
धार्मिक स्थल बिठूर धाम के महत्व को और भी प्रचारित करने के विषय में जानकारी दी गई। बिठूर को अयोध्या धाम से जोड़ने और पौराणिक एवं पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना है। गंगा रिवर फ्रंट के विकास पर भी चर्चा हुई। बैठक में मुख्य रूप से उद्यमी, ट्रांसपोर्ट, एक्सपोर्टर, रियल एस्टेट डेवलपर्स भी मौजूद थे। जिनसे सभी विषयों पर फीडबैक लिया गया।
मंडलायुक्त राजशेखर की अध्यक्षता में हुई बैठक में केडीए उपाध्यक्ष ने अगले 30 साल में होने वाली नगर की संभावित आबादी को देखते हुए प्लान बनाया है। जिसको बैठक में प्रस्तुत किया गया। बैठक में यह भी जानकारी दी गई 2051 लखनऊ उन्नाव कानपुर को कैपिटल रीजन यानी राजधानी क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाए मेट्रो के विस्तार पर भी जोर दिया गया। लखनऊ कानपुर के बीच मेट्रो को जोड़ने की भी प्लानिंग की गई।
- एजेंसी