ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर केंद्रीय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने कहा, सच सामने आना चाहिए

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आगरा: बनारस के ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद सुर्खियों में चल रहा है। एक पक्ष ने हाईकोर्ट के ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे कराने का विरोध कर दिया है तो उस विवाद के बीच केंद्रीय राज्यमंत्री न्याय एवं विधि प्रो. एसपी सिंह बघेल का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद का सच सभी के सामने आना चाहिए और जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वह सच्चाई को छुपाना चाहते हैं।

केंद्रीय राज्यमंत्री विधि एवं न्याय प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने कहा कि काशी को भगवान शिव ने बसाया था। यहां पर 12 ज्योतिर्लिंगों में से काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग है और यह कोई कहानी नहीं बल्कि हकीकत है जो पुराणों में भी दर्ज है। उन्होंने कहा कि इस्लाम भारत मे सातवीं शताब्दी में आया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ज्ञानवापी मस्जिद का सच आखिरकार क्या है।

ज्ञानवापी मस्जिद कि आखिरकार सच्चाई क्या है, इसके लिए कोर्ट ने सर्वे और उसकीवीडियोग्राफी कराए जाने को लेकर आदेश दिया है लेकिन इस आदेश के बाद से ही एक पक्ष लगातार विरोध में उतर आया है। इस पक्ष ने वीडियोग्राफी और सर्वे करने आई टीम को सर्वे भी नहीं करने दिया। इसको लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर सर्वे और वीडियोग्राफी कराई जा रही है। जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं वह सच को छुपाना चाहते हैं। अगर वह सच जानते हैं और उसमें कुछ भी झूठ नहीं है तो फिर उसका विरोध क्यों और सच को आंच क्या?

केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने कहा कि इस्लाम सातवीं शताब्दी में भारत आया और उन्होंने मुस्लिम शासकों के नाम भी गिनाए। उनका कहना था कि जब यही सातवीं शताब्दी में आए तो ज्ञानवापी मस्जिद कैसे शिव मंदिर से पुरानी हो सकती है। उन्होंने कहा कि अगर आप और हम वहां घूमने जाएंगे तो आपको पता चलेगा कि किसी ने वहां अवैध कब्जा और अतिक्रमण किया हुआ है।

राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल का कहना था कि जो लोग कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं, उसका विरोध कर रहे हैं। उससे ऐसा लगता है कि यह लोग न्यायपालिका में विश्वास नहीं रखते लेकिन यह मोदी और योगी की सरकार है और यहां पर न्यायपालिका के आदेश का ही पालन होगा।