अहमदिया मुसलमान भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों में सुर्खियों में बने हुए हैं। भारत के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने अहमदिया मुस्लिमों को लेकर आंध्र प्रदेश के वक्फ बोर्ड की ओर से पारित प्रस्ताव में हस्तक्षेप किया है। वक्फ के इस प्रस्ताव में अहमदिया मुस्लिमों को ‘काफिर’ और ‘गैर मुस्लिम’ करार दिया गया था। भारत के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने सख्त लहजे में कहा कि वक्फ बोर्ड का फैसला घृणा का अभियान है, जिसका असर पूरे देश में हो सकता है। भारत में जहां मोदी सरकार ने अहमदिया मुस्लिमों का खुलकर समर्थन किया है, वहीं पाकिस्तान में मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन हिंसा पर उतर आए हैं। अहमदिया मुस्लिमों की मस्जिदों की मीनारों को जबरन तोड़ा जा रहा है और मुस्लिमों के इस समुदाय को सताया जा रहा है।
पाकिस्तान में इस भयानक हालात पर संयुक्त राष्ट्र ने शहबाज शरीफ सरकार को लताड़ लगाई है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अहमदिया मुस्लिमों के खिलाफ पूरा एक अभियान चलाया जा रहा है। पाकिस्तान में पहले मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक या टीएलपी ने पिछले साल अभियान चलाया था कि अहमदिया मुस्लिमों को ईद उल अजहा के दिन कुर्बानी नहीं देने दी जाएगी।
पाकिस्तान की पुलिस ने घर-घर जाकर तलाशी ली और अहमदिया मुस्लिमों को कुर्बानी का जीव नहीं काटने दिया।
पाकिस्तान पर लाल हुआ संयुक्त राष्ट्र
इससे टीएलपी के हौसले और बढ़ गए और अब वह अहमदिया मुस्लिमों की मस्जिदों में बनी मीनारों को तोड़ने के लिए अभियान चला रहा है। टीएलपी ने एक पोस्टर जारी किया है और कहा कि सभी मीनारों को तोड़ा जाएगा। उसने कहा कि यह अभियान 29 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। इससे पहले 14 जुलाई को टीएलपी ने पाकिस्तानी पुलिस को मजबूर किया कि झेलम इलाके में अहमदिया मस्जिद की मीनारों को तोड़ा जाए। यह मस्जिद सैकड़ों साल से वहां मौजूद थी, इसके बाद भी उसकी मीनारों को तोड़ दिया गया।
अहमदिया मुस्लिमों के खिलाफ पाकिस्तान में चल रहे दमनचक्र पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग का कार्यालय भड़क गया है। उसने पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिमों के साथ पाकिस्तान में चल रहे व्यवहार पर गंभीर चिंता जताई है। उसने शहबाज सरकार से कहा है कि वह अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन के आरोपों पर जवाब दे।
कार्यालय ने कहा कि पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिमों के साथ भेदभाव बढ़ रहा है और घृणा आधारित बयानबाजी बढ़ रही है। इसमें उनके प्रार्थना के स्थलों पर हमला शामिल है। कार्यालय ने कहा कि अहमदिया मुस्लिमों की सुरक्षा लगातार कम होती जा रही है।
Compiled: up18 News
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