अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य लगभग 80 प्रतिशत पूरा हो गया है। जनवरी 2024 में होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां तेजी पर हैं। इस बीच राम मंदिर में पूजा अर्चना कराने के लिए चुने गए 24 पुजारियों की ट्रेनिंग शुरू हो गई है। राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से इन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
गुरुवार को दूसरे दिन प्रशिक्षुओं ने सुबह 6 बजे त्रिकाल संध्या शुरू की जिसमें सुबह दोपहर शाम तीनों समय संध्या वंदन का प्रावधान है। प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण के दौरान फ्री आवासीय और भोजन सुविधा मिल रही है। साथ में 2 हजार रुपये मासिक भत्ता भी दिया जा रहा है। हालांकि प्रशिक्षण पूरा करने के बाद नियुक्ति की गारंटी नहीं रहेगी।
बुधवार को प्रशिक्षण के पहले दिन सभी प्रशिक्षुओं को अलग-अलग संतों और प्रमुख आचार्यो के आश्रम में भेजा गया जहां उन्होंने उनसे दीक्षा ग्रहण की। इसके साथ ही उन्हें वैदिक रीति से सभी अनुष्ठानों को संपादित करने के लिए अभ्यास करवाया जा रहा है। मंदिर ट्रस्ट ने सभी के लिए एक ड्रेस कोड भी तय किया है। उन्हें हिदायत दी गई है कि वे तामसी आचरण और खान पान से दूर रहेंगे। साथ ही शराब और नशे की वस्तुओं का सेवन नहीं करेंगे।
छह महीने का प्रशिक्षण, रंग वाटिका में आवास की व्यवस्था
यह प्रशिक्षण 6 माह का है। प्रशिक्षुओं के आवास की व्यवस्था रंग वाटिका में किया गया है। उनका प्रशिक्षण श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के आवासीय कार्यालय में चल रहा है। धार्मिक कार्यक्रम के आयोजन के लिए बनी हाई पावर कमिटी के अध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने बताया कि प्रशिक्षण के बाद जरूरत के मुताबिक इनमें से राम मंदिर के पुजारी का चयन किया जाएगा। प्रशिक्षण पूरा करने वालों को मंदिर ट्रस्ट सर्टिफिकेट भी देगा। इसके आधार पर राम मंदिर में जब जरूरत पड़ेगी तो इनको चयनित किया जा सकेगा।
-Compiled by up18 News