जिन्हें भ्रष्टाचार की प्रतिमूर्ति मानते थे केजरीवाल, अब उनके साथ गलबहियां करते हुए दिख रहे हैं: बीजेपी

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मनोज तिवारी ने मीडिया को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री पर हमला करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल के पुरानी लिस्ट और उस लिस्ट समीक्षा आज हम करेंगे। जिन-जिन को केजरीवाल भ्रष्ट बताते थे। अब उनके साथ मिल गए हैं। शरद पवार, पी. चिदंबरम, सुरेश कलमाडी, जग मोहन रेड्डी, लालू यादव जैसे लोगों को केजरीवाल भ्रष्टाचार की प्रतिमूर्ति मानते थे, लेकिन गलबहियां करते हुए दिखे। कई लोगों ने केजरीवाल को किनारे करना शुरू कर दिया है। कर्नाटक में केजरीवाल को नहीं बुलाया गया। जो केजरीवाल से सटा है उसका कद घटा है।

आज एलजी के प्रति सरकार कर रही है गलत व्यवहार: डॉ हर्षवर्धन

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि केजरीवाल के आने से पहले 20 साल से दिल्ली में सरकारें चली। ऐतिहासिक विकास के कार्य हुए। 20 साल में ऐसा कोई घटनाक्रम नहीं हुआ जैसे आज एलजी के प्रति सरकार कर रही है। अंशु प्रकाश के साथ मैंने भारत सरकार में काम किया । वह बेहतर अधिकारी थे। नरेश कुमार भी बेहतर सीएस हैं। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आते ही केजरीवाल सरकार भ्रष्टाचार की जांच कर रहे अधिकारियों को परेशान करने लगे।

दिल्ली की स्थिति हास्यास्पद: रमेश बिधूड़ी

रमेश बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली की स्थिति हास्यास्पद है। देश विदेश से दिल्ली छवि बनती है। 679 अध्यादेश 2014 तक संसद में आए हैं। अपना इतिहास नीतिश कुमार और संजय सिंह । राज्य सभा के सांसदों को सोचना पडेगा कि वह कौन सी मंडली के साथ जाना चाहते हैं। अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग का कोई नियम नहीं था इसलिए वह अध्यादेश लाया गया था।

अफसरों की पोस्टिंग को लेकर नहीं है कोई नियम कानून: मीनाक्षी

भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने कहा कि कोई नियम-कानून अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर नहीं था इसलिए अध्यादेश लाया गया। दिल्ली के प्रशासन में केंद्र का बहुत रोल है। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार कानून ला सकती है। भ्रष्टाचार का नियंत्रण अपने हाथ में लेकर काम कर रहे हैं केजरीवाल। राष्ट्रपति के अधिकार को चैंलेज नहीं किया जा सकता है। इस अध्यादेश के माध्यम से दिल्ली की व्यवस्था को ठीक करने का कार्य किया गया है।

प्रवेश वर्मा ने कहा कि केजरीवाल खुद अपने घर में अधिकारियों को बुलाकर डराते धमकाते हैं। अंशु प्रकाश के साथ यह किया गया था। आशीष मोरे को धमकाया गया। केजरीवाल के घोटालों की जांच करने वाले अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद डराया धमकाया गया। उस अधिकारी का ट्रांसफर करने का मतलब यही था कि घोटाला कितना बड़ा था।

Compiled: up18 News