खतरनाक वायु प्रदूषण से लड़ने में मदद कर सकते हैं ये प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट

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ऑनक्वेस्ट लेबोरेटरीज लिमिटेड की डायरेक्टर डॉ. शिवाली अहलावत कुछ ऐसे एंटीऑक्सीडेंट बताया है, जो आपके शरीर को इस खतरनाक वायु प्रदूषण से लड़ने में मदद करेंगे। वह कहती हैं कि इस प्रदूषित हवा के चलते ओजोन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, डीजल से निकले वाले कण आदि हम सांस के माध्यम से अंदर ले रहे हैं। जो हमारे फेफड़ों और शरीर को नुकसान पहुंचाते है। ऐसे में वक्त रहते बचाव के उपाय आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।

एक्सपर्ट बाताती हैं कि फेफड़ों को प्रदूषण के जहरीले प्रभाव से बचाने के लिए हल्दी बहुत मदद करती है क्योंकि इसमें एंटी-इंफ्लामेटरी गुण और यौगिक करक्यूमिन होते है। वायु प्रदूषण के कारण होने वाली फेफड़ों में जलन, सांस लेने में दिक्कत और खांसी से राहत पाने के लिए रात को सोते समय गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पिएं।

तुलसी

तुलसी का सेवन करने से बहुत सी बीमारियों को आसानी से दूर किया जा सकता है। तुलसी खाने से सर्दी खांसी और फेफड़ों के इन्फेक्शन की समस्या दूर होती है। चाय में तुलसी के पत्ते या काढ़ा बनाकर पीने से वायु प्रदूषण से होने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है। इसके साथ ही तुलसी के पत्ते खाने से भी इम्युनिटी मजबूत होती है।

शहद

बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तर की वजह से खांसी और गले में खराश होने की समस्या उत्पन्न होती है। इससे राहत पाने के लिए आप रात को सोने से पहले या दिन में शहद का सेवन कर सकते हैं। शहद को काली मिर्च पाउडर और भुने हुए अदरक के साथ भी खा सकते हैं।

हरी सब्जियां

हरी पत्तेदार सब्जियां सिर्फ वायु प्रदूषण से ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक होती हैं। हरी सब्जियां, धनिए के पत्ते, चौलाई का साग, गोभी और शलगम में विटामिन के तत्व पाए जाते हैं, जो वायु प्रदूषण से होने वाली परेशानियों से बचने के लिए मददगार साबित हो सकते हैं।

अदरक

सर्दियों के समय में अदरक खाने से इम्यून सिस्टम अच्छा और मजबूत होता है। अदरक वायु प्रदूषण से होने वाली सर्दी-खांसी और गले की खराश के अलावा मौसमी संक्रमण से बचाने में भी बहुत मददगार होती है। अदरक हमारे फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करती है। आप अदरक को चाय, काढ़ा या शहद के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं।

पानी का पर्याप्त सेवन

एक्सपर्ट सलाह देती हैं कि बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण होने वाली समस्याओं से बचने के लिए शरीर में पानी की कमी न होने दें क्योंकि शरीर में पानी की मात्रा सही रहने से मेटाबॉलिज्म स्लो नहीं होता और शरीर बेहतर तरीके से अपने कार्यों को कर पाता है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

-एजेंसी