मथुरा: श्री दाऊजी महाराज की नगरी बलदेव में हुआ विश्व प्रसिद्ध हुरंगा, उमड़े देशी-विदेशी श्रद्धालु

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बलदेव। ब्रज के होली महोत्सव के पर्व के रूप में श्री दाऊजी महाराज की नगरी बलदेव में विश्व प्रसिद्ध हुरंगा हुआ जहां पर नंगे बदन पर कोड़ों की प्रेमपगी मार देखने के लिए बड़ी संख्या देशी-विदेशी श्रद्धालु उमड़े।

हुरंगा के नायक शेषावतार श्री दाऊजी महाराज हैं। बलदेव के विश्व प्रसिद्ध हुरंगा में 8 क्विंटल टेसू के फूल, ढाई क्विंटल केसरिया रंग, 11 क्विंटल विभिन्न प्रकार के अबीर-गुलाल, 11 क्विंटल व विभिन्न प्रकार के फूलों का प्रयोग होता है। टेसू का रंग प्राकृतिक रूप से तैयार किया जाता है। इसमें केसर, चूना, फिटकरी मिलाकर शुद्ध रूप से प्राकृतिक बनाया जाता है। गुलाल को मशीनों द्वारा उड़ाया जाता है। पानी व रंगों के फव्वारे लगाए जाते हैं।

बलदेव नगरी साक्षात देवलोक नजर आयी, जब विश्व प्रसिद्ध हुरंगा मंदिर प्रांगण में सतरंगी गुलाल और फूलों की वर्षा के साथ गोपी स्वरूप महिलाओं ने गोप स्वरूप हुरियारों के नंगे बदन पर तड़ातड़ पोतने स्वरूप में बने कोड़े बरसाये। इस दृश्य को देख श्रद्धालु आनंदित हो गए। ब्रजराज का मुकुटमणि हुरंगा देखने को जनसैलाब उमड़ पड़ा। होली के गीत व रसिया, नफीरी, ढोल, मृदंग से मंदिर प्रांगण गुंजायमान हो उठा।

हुरंगे में हुरियारे-हुरियारिनों पर टेसू के रंग डालते हैं, वहीं हुरियारिनें हुरियारों के कपड़े फाड़कर कोड़े बनाती हैं और पिटाई करती हैं। गोपिकाएं उलाहना मारते हुए कहती हैं ‘होली में खेले मतवारौ हुरंगा है दाऊजी महाराज…’। इन गीतों व रसिया की धुन पर होते हुरंगा को देख लोग आनंदित हो जयकारे लगाते हैं।

-up18 News