गहलोत गुट के विधायक बोले: गद्दार खेमे से सीएम स्‍वीकार नहीं, इससे बेहतर मिडटर्म चुनाव

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मेघवाल के बयान से उठे सवाल

कैबिनेट मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने जयपुर में एक संवाद्दाता सम्मेलन में कहा कि अगर सीएम पद को लेकर बदलाव होता है तो अशोक गहलोत के लिए पार्टी के सभी विधायक फिर से इस्तीफा दे देंगे। जिस तरह से 92 विधायकों ने बीते रविवार को रद्द की गई सीएलपी बैठक के बाद अपना इस्तीफा राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा था। अगर पायलट खेमे से सीएम चुना गया तो फिर वैसे ही स्थिति देखने को मिल सकती है।

क्या राजस्थान में अब होगा असली खेला?

गोविंद मेघवाल से पहले राज्य के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने भी पिछले दिनों ऐसे ही तेवर दिखाए थे। उन्होंने कहा था कि अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ पायलट खेमे के विद्रोह की वजह से पार्टी का कोई विधायक उन्हें सीएम के तौर पर स्वीकार नहीं करेगा।

सचिन पायलट ने 18 विधायकों के साथ जुलाई 2020 में सीएम के नेतृत्व को चुनौती दी थी। गोविंद मेघवाल ने स्वास्थ्य मंत्री के बयान पर कहा कि परसादी लाल मीणा एक वरिष्ठ नेता हैं और वह इसके प्रभावों का आकलन किए बिना कुछ नहीं कहेंगे। मेरी भी यही राय है।

पायलट जैसे गद्दार सीएम के रूप में स्वीकार नहीं

मंत्री गोविंद मेघवाल ने कहा, ‘पायलट जैसे गद्दार को सीएम के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। सिर्फ सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अशोक गहलोत ही हमारे नेता हैं।’ वहीं गहलोत खेमे के मंत्रियों की ओर से दिए जा रहे बयानों को उनको मुख्यमंत्री के रूप में बनाए रखने के लिए केंद्रीय नेतृत्व पर दबाव की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।

धारीवाल के बाद अब अजय माकन पर गोविंद मेघवाल ने लगाए आरोप

संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल की तरह गोविंद मेघवाल ने भी कांग्रेस महासचिव और राजस्थान प्रभारी अजय माकन पर पायलट का पक्ष लेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि माकन ने चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, जो एक कट्टर पायलट समर्थक थे।

नेताओं की बयानबाजी पर कांग्रेस नेतृत्व की दो टूक

दूसरी ओर कांग्रेस नेतृत्व ने राजस्थान के अपने नेताओं से एक-दूसरे के खिलाफ बयान देने से परहेज करने को कहा है। ये भी कहा गया कि अगर वे एक-दूसरे के खिलाफ बयान देंगे तो उनके ऊपर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। एक पत्र में पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि हम राजस्थान में कांग्रेस नेताओं के पार्टी के आंतरिक मामलों और अन्य नेताओं के खिलाफ बयान देख रहे हैं। यह सलाह दी जाती है कि किसी भी स्तर पर सभी कांग्रेस नेताओं को पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ सार्वजनिक बयान देने से बचना चाहिए। इसमें कहा गया कि अगर इस एडवाइजरी का कोई उल्लंघन किया जाता है तो AICC के संविधान के प्रावधानों के तहत सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी। यह एडवाइजरी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद आई है।

-एजेंसी